मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश मंत्री लखन घनघोरिया को निर्देश देते हुए माफी मांगने वाले वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड करने को कहा है। दरअसल, घनघोरिया ने अदालती आदेश के खिलाफ एक बयान दिया था जिसमें बाद में उन्होंने माफी भी मांगी थी। अब कोर्ट उस माफी नामे को अपलोड कर आम करने की बात कही है। बता दें कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आरएस झा एवं न्यायमूर्ति वी के शुक्ला की पीठ ने गुरुवार (03 सितंबर) को यह निर्देश जारी किए हैं। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री के लिए पैरवी कर रहे वकील जुबिन प्रसाद ने भाषा को शुक्रवार को बताया कि चूंकि याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा था कि मंत्री ने अतिक्रमण नहीं हटाने का अपना बयान यूट्यूब पर अपलोड किया था। इसलिए अदालत ने मंत्री द्वारा दिए गए अपने स्पष्टीकरण का वीडियो भी यूट्यूब पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट के फैसले के खिलाफ घनघोरिया ने दिया बयानः उल्लेखनीय है कि जबलपुर में मदनमहल एवं सिद्ध बाबा पहाड़ी सहित अन्य पहाड़ियों पर सैकड़ों लोगों ने कब्जा कर रखा है। इस मामले में गढ़ा गौंडवाना संरक्षक संघ के किशोरीलाल भलावी एवं अधिवक्ता जकी अहमद सहित अन्य की याचिकाओं पर उच्च न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। बता दें कि पिछले महीने एक कार्यक्रम के दौरान घनघोरिया ने अतिक्रमणकारियों के पक्ष में बयान दिया था। इस बयान में उन्होंने कहा था कि कोई भी सिद्ध बाबा पहाड़ी से अतिक्रमण नहीं हटा सकता। इसके बाद उनका यह बयान यूट्यूब पर अपलोड कर दिया गया, जिससे यह सोशल मीडिया में वायरल भी हो गया।
National Hindi News, 5 October Top Breaking 2019 LIVE Updates: अहम खबरों के लिए यहां क्लिक करें
घनघोरिया के बयान के खिलाफ कोर्ट में अर्जीः मंत्री के इस बयान पर आदित्य नारायण शुक्ला ने एक अर्जी उच्च न्यायालय में पेश करते हुए कहा था कि सिद्धबाबा की पहाड़ी पर आयोजित एक सभा में घनघोरिया ने न सिर्फ अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई का विरोध किया, बल्कि अदालत के आदेश पर आपत्तिजनक टिप्पणी भी की। उन्होंने उनपर लोगों को उकसाने का भी आरोप लगाया है। बता दें कि शुक्ला ने ही इसके वीडियो यू-टयूब में अपलोड होने की जानकारी भी पीठ को दी थी।
घनघोरिया ने माफी मांग कर स्पष्टीकरण दियाः पिछली सुनवाई की तारीख पर पूरे मामले में घनघोरिया ने अदालत में बिना शर्त माफी मांग ली थी और जवाब भी दे दिया था। लेकिन, अदालत ने इसे नाकाफी पाते हुए उन्हें एवं सरकार को जवाब देने के निर्देश दिए थे। मामले में पीठ ने मंत्री को निर्देशित किया था कि जनसभा कर लोगों के बीच अपना स्पष्टीकरण पेश करें। इसके बाद मंत्री ने एक अक्टूबर को जनसभा कर जनता के बीच अतिक्रमण पर दिए अपने बयान के लिए माफी मांग कर स्पष्टीकरण दिया था। बता दें कि मामले की अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी।