मध्यप्रदेश के हरदा जिले के सरकारी स्कूलों की तीन शिक्षिकाओं ने डीपीसी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने जिला कलेक्टर से इन आरोपों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है। इनमें वेतन का कुछ हिस्सा मांगने और हॉस्टल की स्मार्ट लड़कियां लाने जैसे आरोप शामिल हैं। हालांकि डीपीसी ने शिकायतों को आधारहीन बताते हुए कहा कि शिक्षिकाएं खुद अनियमितता बरतने की दोषी हैं। उन पर कार्रवाई होने वाली है। इसी से बचने के लिए वे ऐसे आरोप लगा रही हैं।

पढ़ाई-लिखाई करा पाना मुश्किल : शिक्षिकाओं ने जिला कलेक्टर से कहा है कि डीपीसी के रवैए से पढ़ाई-लिखाई करा पाना मुश्किल हो रहा है। वे अपनी मांग नहीं मानने पर प्रताड़ित करते हैं। उन्होंने डीपीसी पर कार्रवाई की गुहार लगाई।

वेतन और स्मार्ट लड़कियों की मांग : शासकीय प्राथमिक शाला गुठानिया, शासकीय हाईस्कूल खामा पड़वा और शासकीय माध्यमिक शाला मगरधा की शिक्षिकाओं का कहना है कि दो दिन पहले डीपीसी डॉ. आरएस तिवारी ने अपने कार्यालय में बुलाया था। उन्होंने कहा कि तुम लोग अपने वेतन का एक हिस्सा मुझे दो, नहीं तो तुम लोगों का वेतन रोक दूंगा। उन्होंने छात्रावास की स्मार्ट लड़कियों को भी ले आने को कहा।

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स्कूलों का प्रदर्शन बेहतर के बावजूद प्रताड़ना : शिक्षिकाओं का आरोप है कि उनके स्कूलों का दक्षता उन्नयन बेहतर है। वाल ऑफ फेम में स्कूल को कांस्य श्रेणी में रखा गया है। इसके बाद भी उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। शिक्षिकाओं ने जिला कलेक्टर और थाने में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की।

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खुद को बचाने के लिए लगाए आरोप: मामले में डीपीसी डॉ. आरएस तिवारी का कहना है कि दो शिक्षिकाओं पर पढ़ाने के साथ-साथ छात्रावास का भी प्रभार है। गड़बड़ियों की वजह से उनके हटाने की कार्रवाई की जा रही है। तीसरी शिक्षिका पर मध्याह्न भोजन का गेहूं बेचने का आरोप है। इन सब की वजह से तीनों पर कार्रवाई होनी है। उनसे बचने के लिए तीनों इस तरह के निराधार आरोप लगा रहे हैं।

पुलिस कर रही जांच  : सिटी कोतवाली के एसआई उम्मेद सिंह ने कहा कि शिक्षिकाओं ने जो शिकायतें की हैं, उनकी जांच की जा रही है। दोनों पक्षों का बयान लिए जाएंगे। उसके बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ जिला कलेक्टर कार्रवाई करेंगे। फिलहाल कोतवाली में सिर्फ शिकायतें आई हैं।