मध्य प्रदेश की सरकार महिलाओं को जायदाद में हिस्सेदार बनाने पर रजिस्ट्री में छूट देने का फैसला किया है। इसके तहत महिलाओं को मालिकाना हिस्सेदार बनाने पर रजिस्ट्री का खर्च सिर्फ 1100 रुपए देने पड़ेंगे। सरकार इस मामले में अचल संपत्ति के सहस्वामित्व विलेख के खर्च में संशोधन करने जा रही है। दिवाली से पहले सरकार की ओर से महिलाओं को यह बड़ा तोहफा माना जा रहा है। हालांकि इससे राजस्व में जो कमी आएगी, सरकार उसे कैसे पूरा करेगी, यह बड़ा सवाल है।

पत्नी, बेटी या बहू – सभी पर लागू होगा नियम : इस फैसले से राज्य की महिलाओं को जायदाद में मालिकाना हक बढ़ेगा और खर्च कम होगा। राज्य सरकार चाहती है कि परिवार के पुरुष सदस्य अगर अपनी पत्नी, बेटी या बहू को अपनी अचल संपत्ति में हिस्सेदार बनाते हैं तो उन्हें रजिस्ट्री में फायदा दिया जाएगा। सत्ता में आने से पहले उन्होंने ऐसा करने का वादा किया था। अचल संपत्ति खरीदने पर लोगों को भारी भरकम रजिस्ट्री का खर्च चुकाना पड़ता था। इस फैसले से लोगों को काफी राहत मिलेगी।

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महिलाओं को 50 फीसदी तक अधिकार देने की तैयारी : मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने बताया कि इस फैसले से महिलाओं की बातों को घर के बाहर भी महत्व दिया जाएगा। बताया कि सरकार महिलाओं को 50 फीसदी तक अधिकार देने की तैयारी में है। रोजगार, व्यापार और ठेकेदारी में उन्हें आगे लाने की नीति पर काम किया जा रहा है। इससे घर और घर के बाहर भी महिलाओं का सम्मान और बढ़ेगा।

बीजेपी का आरोप, सिर्फ भ्रम है योजना : दूसरी तरफ बीजेपी ने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने महिलाओं के लिए पुरानी सरकार की तमाम योजनाओं को बंद कर दिया। इसमें गर्भवतियों को 16 हजार रुपए देने की योजना, स्वसहायता समूह आदि शामिल हैं। उसे बंद कर सरकार ने एक तरफ महिलाओं का नुकसान किया है तो दूसरी तरफ जायदाद की रजिस्ट्री में छूट देकर केवल उन्हें भ्रमित करने जैसा है।