Morbi Tragedy: गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर रविवार (30 अक्टूबर, 2022) को एक केबल ब्रिज टूटने से हुए हादसे में 141 लोगों की मौत हो गयी। इस हादसे में अब तक 175 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। बुधवार को हादसे की जांच मोरबी नगर पालिका तक पहुंची।

पुलिस ने मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला से पूछताछ की। जांचकर्ताओं का कहना है कि ओरेवा ग्रुप द्वारा लगाए गए निजी ठेकेदारों ने इसकी मरम्मत और नवीनीकरण के दौरान पुल की संरचनात्मक स्थिरता का कोई वैज्ञानिक मूल्यांकन नहीं किया। सीओ जाला को मोरबी के पुलिस उपाधीक्षक पी ए जाला ने तलब किया था जो मामले के जांच अधिकारी हैं। इस दौरान संदीप सिंह जाला से चार घंटे तक पूछताछ की गई और पुल ठेके से जुड़े दस्तावेज की पुष्टि करने को कहा गया। द इंडियन एक्सप्रेस ने इस मामले में जानकारी के लिए संदीप सिंह से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

जांच से जुड़े सूत्रों ने खुलासा किया कि पुल को चालू करने के लिए ओरेवा द्वारा लगाई गई कंपनी देव प्रकाश फैब्रिकेशन लिमिटेड ने कोई काम नहीं किया। पी ए जाला ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि फर्म ने पुल की संरचनात्मक स्थिरता का कोई परीक्षण या वैज्ञानिक मूल्यांकन नहीं किया था।

हिरासत में ओरेवा के मालिक और मैनेजर: मोरबी नगर पालिका ने मार्च 2022 में ओरेवा समूह के एक हिस्से अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के साथ 15 साल के करार पर हस्ताक्षर करने के बाद पुल को मरम्मत के लिए सात महीने के लिए बंद कर दिया था। देव प्रकाश फैब्रिकेशन लिमिटेड के मालिक प्रकाशभाई लालजीभाई परमार और देवंगभाई प्रकाशभाई परमार, ओरेवा के दो मैनेजर दीपक नविंदचंद्र पारेख (44) और दिनेश महासुखराय दवे (41) के साथ 5 नवंबर तक पुलिस हिरासत में हैं।

दुर्घटना वाले दिन बांटे गए ज्यादा टिकट: लोक अभियोजक एचएस पांचाल ने कहा कि स्थानीय अदालत ने लापरवाही के कारण चोट से संबंधित आईपीसी की धाराओं (336 और 337) को जोड़ने की अनुमति दी। पुलिस ने कहा कि रविवार को दुर्घटना वाले दिन अनुमानित 2000-2500 टिकट जारी किए गए, जो सामान्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक है। शाम करीब साढ़े छह बजे जब मोरबी पुल टूटा तो उस पर करीब 300 लोग थे।