Maharashtra News: अलग धर्म और जाति में शादियों (Inter Caste and Inter religion marriages) की निगरानी के लिए महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने “इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)” नाम से एक पैनल का गठन किया है। राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मंगलवार (13 दिसंबर, 2022) को जारी एक प्रस्ताव के मुताबिक, यह कमिटी इन शादियों से जुड़ी सभी जानकारी इकट्ठा करेगी और इसका भी पता लगाएगी कि लड़की का परिवार इन शादियों में शामिल है या नहीं।
जिला स्तर पर कामों की निगरानी करेगी कमिटी
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री और भाजपा नेता मंगल प्रभात लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति, जिला स्तर पर किए जा रहे कामों की निगरानी करेगी। ऐसे विवाहों में शामिल उन महिलाओं की निगरानी की जाएगी, जो अपने मायके से अलग हो सकती हैं, ताकि उन्हें जरूरत पड़ने पर सहायता प्रदान की जा सके।
महिलाओं और उनके परिवारों को संवाद और परामर्श के लिए मिलेगा मंच
प्रस्ताव के अनुसार, यह पहल इन महिलाओं और उनके परिवारों को परामर्श प्राप्त करने, संवाद करने या मुद्दों को हल करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। समिति को केंद्र और राज्य स्तर पर नीतियों का अध्ययन करने, कल्याणकारी योजनाओं और मुद्दों के बारे में कानूनों का अध्ययन करने और सुधार एवं समाधान खोजने के लिए बदलाव का सुझाव देने का भी काम सौंपा गया है।
प्रस्ताव में कहा गया कि समिति में 12 अन्य सदस्य होंगे जो सरकारी और गैर-सरकारी क्षेत्रों से लिए जाएंगे। एक बार इसका कार्य पूरा हो जाने के बाद समिति को भंग कर दिया जाएगा। 19 नवंबर को, मंत्री लोढ़ा ने राज्य महिला आयुक्त को निर्देश दिया था कि वे उन महिलाओं की पहचान करने के लिए एक विशेष दस्ते का गठन करें, जिन्होंने अपने मायके के परिवारों के समर्थन के बिना शादी की है, और जरूरत पड़ने पर समर्थन और सुरक्षा की मांग की है। यह कदम वसई निवासी श्रद्धा वाल्कर मर्डर केस को देखते हुए लिया गया है।
प्रस्ताव के अनुसार, समिति को इस मुद्दे पर जिला अधिकारियों के साथ नियमित बैठक करने का काम सौंपा गया है। यह मुख्य रूप से पंजीकृत और अपंजीकृत अंतर्जातीय और अंतर्धार्मिक विवाहों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए सात मापदंडों पर काम की समीक्षा करेगा।