Mohan Bhagwat Bengal Visit: संघ प्रमुख मोहन भागवत आज रविवार को एक बड़ी रैली करने वाले हैं, बंगाल में उनकी इस रैली को काफी अहम माना जा रहा है। कोर्ट की मंजूरी के बाद उनकी यह जनसभा होने जा रही है। अपने 10 दिन के दौरे के दौरान संघ प्रमुख ने कई अहम बैठकें की, उनकी तरफ से जमीन पर संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया गया। माना जा रहा है कि बंगाल चुनाव को ध्यान में रखते हुए भागवत ने संघ को गतिविधि बढ़ाने के निर्देश भी दे दिए हैं।
बंगाल में संघ की सक्रियता और चुनावी कनेक्शन
जानकारी के लिए बता दें कि अपने दस दिनों के दौरे के दौरान मोहन भागवत ने संघ नेताओं संग कई मुलाकातें की थीं, उनकी तरफ से कहा गया कि जमीन पर संघ के संगठन को मजबूत किया जाए। इसके अलावा आरजी कर मेडिकल कॉलेज रेप मामले में भागवत ने पीड़ित के माता-पिता से भी मुलाकात की। अब समझने वाली बात यह है कि मोहन भागवत ने उस समय बंगाल का दौरा किया है जब पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के साथ रिश्ते तल्ख चल रहे हैं, बंगाल के सीमा वाले इलाकों में तनाव है और सबसे बड़ी बात, अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
संघ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इस बारे में विस्तार से बताया है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता में पर्यावरण, सामाजिक समरसता, शा भाषा, शा उत्पादन, शा संस्कृति पर जोर। इसके अलावा परिवार प्रबंधन और नागरिक कर्तव्य पर मंथन करना। मोहन भागवत भी इन्हीं उदेश्यों के साथ बंगाल आए थे। वैसे बंगाल संघ के पब्लिसिटी इनचॉर्ज बिपलव रॉय ने भी बड़ी बात बोली है। उनके मुताबिक ग्रामीण इलाकों में संघ को खुद को मजबूत करना है, अगले कुछ साल इसी दिशा में काम किया जाएगा।
ग्रामीण इलाकों पर संघ की नजर
बिपलव कहते हैं कि यह फैसला लिया गया है कि संघ अगले कुछ साल ग्राम पंचायत लेवल पर ज्यादा काम करेगा, संघ के सामाजिक कार्यों का केंद्र भी ग्रांम पंचायत ही रहेगा, कोशिश रहेगी कि पूरे समाज को एकजुट किया जाए। वैसे इसके अलावा संघ अब ममता सरकार को भी घेरने की तैयारी कर रहा है। इसी कड़ी में मोहन भागवत ने भी आरजी कर केस में पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की थी।
उस मुलाकात के बारे में पीड़िता के पिता ने कहा था कि मोहन भागवत ने आश्वासन दिया है कि वे अपनी तरफ से हर संभव मदद की कोशिश करेंगे, प्रयास रहेगा कि न्याय मिले। उन्होंने यहां तक कहा कि भागवत ने उन्हें लंच पर इनवाइट किया है। वैसे इस मामले को लेकर तो मोहन भागवत पहले से ही ममता सरकार पर हमलावर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अपराधियों को बचाने के लिए ही राज्य में ममता की सरकार बनाई गई है।
वैसे बीजेपी को भी संघ प्रमुख की इस बैठक से काफी उम्मीदें रही थीं। असल में पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी को संघ की पूरी मदद मिली है, ऐसे में अगर अब ग्रामीण इलाकों में भी RSS की वजह से बीजेपी की पैठ मजबूत होती है, यह ममता बनर्जी के लिए चिंता का सबब बन सकता है। मोहन भागवत से जुड़ी और खबरों के लिए यहां क्लिक करें