शेक्सपियर ने कहा था कि नाम में क्या रखा है। लगता है उनकी इस बात को उत्तर प्रदेश के
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ ज्यादा ही गंभीरता ले लिया है। तभी तो एक के बाद एक शहरों के नाम बदलने का सिलसिला, योगी राज में बदस्तूर जारी है। ताजा उदाहरण है यूपी के अलीगढ़ और मैनपुरी जिले का। इन दोनों ही शहरों का नाम बदलने का प्रस्ताव योगी सरकार के पास लंबित है। सीएम से हरी झडी मिलते ही यह बदलाव कर दिया जाएगा। “प्रस्ताव के मुताबिक अलीगढ़ का नाम ‘हरिगढ़’ और मैनपुरी का नाम ‘मयन नगर’ किया जा सकता है। इसके अलावा अलीगढ़ के ‘धनीपुर एयरपोर्ट’ का नाम बदलकर बीजेपी नेता कल्याण सिंह के नाम पर करने का भी प्रस्ताव है। इस आशय के प्रस्ताव संबंधित नगर पंचायतें पारित करके उत्तर प्रदेश शासन को भेज चुकी हैं।”
योगी ने पहले भी बदले हैं नाम: यूपी के सीएम योगी नाम बदलने के मामले में पूरे देश में मशहूर हो चुके हैं। वो इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर चुके हैं। 2019 के अर्द्ध कुंभ को ही उन्होंने कुंभ का नाम दे दिया था। उस वक्त खूब शोर शराबा हुआ, मगर योगी अपने फैसले से नहीं डिगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जरूर कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो ये नाम दोबारा बदल दिए जाएंगे।
विपक्ष ने सांप्रदायिकता से जोड़ा: अलीगढ़ और मैनपुरी का नाम बदलने की चर्चा के साथ ही विपक्ष की राजनीति भी शुरू हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के नेता बादल देबनाथ कहते हैं, ”इलाहाबाद जिले और मुगल सराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलते वक्त माहौल कुछ और था, मगर अलीगढ़ के नाम के साथ खिलवाड़ करने पर पूरे देश का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो इसकी जिम्मेदारी यूपी के मुख्यमंत्री की होगी।” बादल देबनाथ सवाल उठाते है कि “क्या यूपी के सीएम दावे के साथ कह सकते हैं कि उनके इस फैसले को अलीगढ़ की जनता कबूल कर लेगी?”
बीजेपी बोली– नाम तो पहले बदला गया था: विपक्ष के हमलावर रुख के बाद बीजेपी भी जवाबी कार्रवाई पर उतर आई है। नाम बदलने के फैसले का बचाव करते हुए बीजेपी नेता शिवम त्यागी कहते हैं कि “योगी जी किसी शहर का नाम नहीं बदल रहे, इन शहरों के नाम तो विदेशी हमलावरों ने पहले से ही बदल रखे थे। योगीराज में उन नामों को सही करते हुए, पुराने नाम वापस रखे जा रहे हैं। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में ये पूरी तरह जायज है।”
नाम बदलने में पीएम मोदी भी कम नहीं: अभी कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया था। उससे पहले मोटेरा स्टेडियम का नाम सरदार पटेल की जगह नरेन्द्र मोदी के नाम पर कर दिया गया। ये बात और है कि पूरे स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स परिसर का नाम अब भी सरदार पटेल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स ही है। मगर नाम बदलने पर जो बवाल होना था, वो तो हो ही गया। ठीक ऐसा ही विवाद लखनऊ के इकाना स्टेडियम का नाम बदलने पर भी हुआ था क्योंकि इकाना भगवान विष्णु का एक नाम है। ऐसे में बीच का रास्ता निकाला गया और भगवान विष्णु को अटल जी के बाद एडजस्ट करते हुए स्टेडियम का नाम रखा गया- भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई इकाना स्टेडियम।
जब नाम बदलने के इस हथौड़े से भगवान विष्णु और सरदार पटेल के नाम नहीं बच पाए तो भला मुगल बादशाहों की क्या बिसात। शुरुआत देश की राजधानी दिल्ली से हुई और लुटियंस ज़ोन की पॉश सड़क औरंगजेब रोड का नाम बदल कर पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कर दिया गया। विवाद उठा तो सवाल उठा दिया गया कि देश को औरंगजेब चाहिए या एपीजे अब्दुल कलाम। फिर क्या था, मुगलों के सबसे ताकतवर बादशाह के बाद पूरी की पूरी मुगल डाइनेस्टी ही निशाने पर आ गई और वाराणसी के नजदीक बने मशहूर मुगल सराय स्टेशन का नाम भी मुगलों की तरह इतिहास बन गया। अब ये स्टेशन पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जाना और पहचाना जाता है। अब रेलवे स्टेशनों के नाम बदले तो भला एयरपोर्ट कैसे अछूते रहते। अगरतला एयरपोर्ट का नाम महाराजा बीर बिक्रम एयरपोर्ट और मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशन एयरपोर्ट का नाम सुधार कर छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट कर दिया गया।
यूपीए ने भी बदले नाम: ऐसा नहीं है कि नाम बदलने की कला सिर्फ नरेन्द्र मोदी और बीजेपी वालों को आती है। यूपीए सरकार के दौरान भी ना जाने कितनी जगहों के नाम बदले गए। लखनऊ का अमौसी एयरपोर्ट 2008 में चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट बन गया और राजासांसी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, अमृतसर अब श्री गुरु राम दास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट कहा जाने लगा।
पुराना है नाम बदलने का इतिहास: स्वतंत्र भारत में साल 1950 में सबसे पहले पूर्वी पंजाब का नाम पंजाब रखा गया। 1956 में हैदराबाद से आंध्रप्रदेश, 1959 में मध्यभारत से मध्यप्रदेश नामकरण हुआ। सिलसिला यहीं नहीं खत्म हुआ। 1969 में मद्रास से तमिलनाडु, 1973 में मैसूर से कर्नाटक, इसके बाद पुडुचेरी, उत्तरांचल से उत्तराखंड, 2011 में उड़ीसा से ओडिशा नाम किया गया।