कृतज्ञ राष्ट्र ने रविवार को संविधान निर्माता डाक्टर भीमराव आंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बाबा साहब के आर्थिक सोच और परिदृष्टि को पूरी तरह नहीं समझा जा सका। पर उनकी सरकार समृद्ध और समग्र भारत के उनके सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है।

संसद भवन परिसर में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताआें ने रविवार को बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर को उनकी 60वीं पुण्यतिथि के मौके पर याद किया। यह दिन ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। मुखर्जी, अंसारी और मोदी ने दलित उत्थान के लिए काम करने वाले आंबेडकर की संसद भवन परिसर में स्थित प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। बाद में प्रधानमंत्री ने आंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष समारोहों के तहत अपने आवास पर 125 रुपए और दस रुपए मूल्य के दो स्मारक सिक्के भी जारी किए।

उधर मुंबई के दादर इलाके में स्थित उनके स्मारक चैतन्यभूमि में उनके हजारों अनुयायी एकत्र हुए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर राव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में शामिल थे। दिल्ली में अपने निवास पर स्मारक सिक्के जारी करने के बाद प्रधानमंत्री ने आंबेडकर को दूरदृष्टा और प्रकांड विचारक बताया। मोदी ने कहा कि उनके आर्थिक विचार और दृष्टिकोण को अभी पूरी तरह नहीं समझा गया है व उनके विचारों और दृष्टिकोण को सराहा जाना चाहिए। हालांकि सामाजिक न्याय के प्रति उनके योगदान को माना गया है।

मोदी ने समारोह के बाद कहा कि उनकी सरकार समृद्ध और समग्र भारत के निर्माण के लिए आंबेडकर की परिकल्पना और सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। समारोह में वित्त मंत्री अरुण जेटली और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने महिला सशक्तीकरण, संघवाद, अर्थव्यवस्था और इसकी प्रासांगिकता पर आंबेडकर की परिकल्पना को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि हम सामाजिक न्याय के प्रति आंबेडकर के योगदान से परिचित हैं लेकिन आर्थिक मुद्दों पर बाबा साहेब के विचार भी काफी प्रेरक हैं। आंबेडकर मौलिक और प्रकांड विचारक थे। समग्रता और सौहार्द्र पर उनके विचार हमें आज भी प्रेरित करते हैं। आंबेडकर को काफी अपमान झेलना पड़ा था लेकिन उनकी देशभक्ति उनके कामों में झलकती है।

इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष लोकतंत्र का प्रमुख अंग है जिसके बिना यह नहीं चल सकता। आंबेडकर की पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में गृहमंत्री ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र में जहां सरकार की भूमिका और प्रासंगिकता होती है, वहीं विपक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विपक्ष स्वस्थ लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण होता है। विपक्ष के बिना लोकतंत्र नहीं चल सकता। समारोह में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी उपस्थित थे।

श्रम मंत्री रहे आंबेडकर की प्रशंसा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि वे न केवल संविधान के रचनाकार थे बल्कि आधुनिक भारत के भी निर्माता थे। जिन्होंने रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया और वित्त आयोग जैसे दो अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों की आधारशिला रखी थी। बाबासाहब आंबेडकर इस बात को अच्छी तरह समझते थे कि अर्थव्यवस्था को पूंजी और श्रम दोनों की जरूरत है। उन्होंने पूंजी वितरण के लिए कई संस्थान बनाए थे और श्रमिकों के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए काफी काम किया। आंबेडकर के प्रयासों से ही कामकाजी वर्ग के विषयों को महत्व मिला।