Bihar Flood Mitigation Package: केंद्र सरकार ने अपने बजट में दो राज्यों बिहार और आंध्र प्रदेश का खासा ख्याल रखा है। बजट में बिहार राज्य को बाढ़ शमन के लिए 11,500 करोड़ रुपये दिए गए हैं। जिससे राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू को सबसे ज्यादा संतुष्टि है। पार्टी सूत्रों का कहना है, यह एक ऐसी योजना है कि जिसको लेकर पार्टी ने सरकार के साथ लंबी बातचीत की।
जेडी(यू) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘नेपाल में बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं के बिहार के महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान देना लंबे समय से अपेक्षित था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मुद्दे का समाधान तलाशने के लिए लगातार अपनी चिंताओं को उठाते रहे हैं और हमें खुशी है कि अब यह समाधान हो गया है।’
झा ने कहा कि यह आवंटन, जो त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम और अन्य परियोजनाओं के लिए मार्ग प्रशस्त करता है> पार्टी के “दशकों पुरानी चुनौती का समाधान करके बाढ़ नियंत्रण उपायों को मजबूत करने के प्रयासों को बढ़ावा देगा।
जेडी(यू) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, नीतीश ने सड़कों, कानून और व्यवस्था और कुछ हद तक बिजली के मामले में काफी सुधार किया है, लेकिन वे सालाना आने वाली बाढ़ से जूझ रहे हैं, इसमें नेपाल भी शामिल हैं।
बिहार भारत का सबसे अधिक बाढ़-ग्रस्त राज्य है, जहां उत्तरी बिहार की 76% आबादी विनाशकारी बाढ़ के खतरे में रहती है। यह राज्य भारत के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 16.5% हिस्सा बनाता है और भारत की बाढ़ प्रभावित आबादी का 22.1% हिस्सा यहां रहता है। बिहार का लगभग 73.06% भौगोलिक क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित है।
लगभग हर साल, नेपाल से निकलने वाली नदियों द्वारा लाए गए अतिरिक्त पानी के कारण मानसून के दौरान उत्तर बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। पिछले कुछ सालों में इन बाढ़ों में हज़ारों लोगों की मौत हो चुकी है, साथ ही फसलों और पशुओं को भी नुकसान हुआ है। यह समस्या राज्य में एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा है। सबसे ज़्यादा प्रभावित कोसी बेल्ट के कुछ बाढ़ प्रभावित गांवों ने इसके विरोध में चुनाव का बहिष्कार किया है।
झा, जो पहले बिहार सरकार में जल संसाधन मंत्री थे। उन्होंने कहा , ‘हम पिछले 40 सालों से नेपाल द्वारा इस बारे में कुछ किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। मैंने इस मुद्दे पर (वित्त मंत्री) निर्मला सीतारमण जी से मुलाकात की थी और उन्होंने विदेश मंत्री से बात की थी। इसमें चीन का मुद्दा भी है। लेकिन सरकार इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार (बांधों के) डिजाइन में समायोजन करने के लिए तैयार है। आखिरकार, यह भारत और नेपाल दोनों के लिए फायदेमंद है।’
यह दावा करते हुए कि यह पहली बार है कि बजट में बिहार में बाढ़ पर इस स्तर का ध्यान दिया गया है। एक अन्य जेडी(यू) नेता ने कहा, ‘वित्त मंत्री ने नेपाल में बांध निर्माण की धीमी गति के बारे में स्पष्ट रूप से बात की है। बाढ़ शमन के लिए बिहार को 11,500 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिसमें अध्ययन और सर्वेक्षण शामिल हैं। इससे विभिन्न नदियों पर बैराज बनाने में मदद मिलेगी।’
लोकसभा में 12 सीटों के साथ जेडी(यू) भाजपा नीत एनडीए में दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है, जबकि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के पास 16 सीटें हैं।
4 जून को चुनाव नतीजों के ठीक बाद जेडी(यू) ने बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग तेज कर दी थी, क्योंकि अल्पमत वाली बीजेपी सरकार में उसकी सौदेबाजी की ताकत है। मोदी सरकार ने संकेत दिया कि वह विशेष दर्जे के लिए अपने विरोध को नहीं बदलेगी, इसलिए जून में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेडी(यू) ने बिहार के लिए “विशेष पैकेज” की मांग करते हुए इस मांग को फिर से दोहराया।
बाढ़ शमन निधि के अलावा, बिहार को सड़क संपर्क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपये और बिजली परियोजना के लिए 21,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
यह सरकार द्वारा सदन में की गई इस प्रतिबद्धता के अतिरिक्त है कि वह बिहार को बहुपक्षीय बैंकिंग एजेंसियों से ऋण प्राप्त करने तथा स्वास्थ्य सेवा, विमानन और खेल सुविधाओं में निवेश करने में मदद करेगी।
सूत्रों ने बताया कि वे गया में अमृतसर- कोलकाता औद्योगिक गलियारे के बारे में घोषणा से भी खुश हैं । एक नेता ने कहा कि इससे “औद्योगिकीकरण की कोशिश कर रहे राज्य को बहुत फ़ायदा होगा।”
जेडी(यू) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “सरकार ने इस उद्देश्य के लिए गया में 1,100 एकड़ भूमि पहले ही अधिग्रहित कर ली है। पीरपैंती में 21,000 करोड़ रुपये की लागत से बिजली संयंत्र, दो एक्सप्रेसवे और बक्सर पुल की घोषणा से बिहार के विकास में मदद मिलेगी।” सूत्रों ने विष्णुपद और बोधगया मंदिरों के विकास पर भी जोर देने की बात कही। जेडी(यू) के एक नेता ने कहा, “इससे बिहार में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन में सुधार होगा और विष्णुपद की तीर्थयात्रा में सुविधा होगी, जो देश भर से पर्यटकों को आकर्षित करती है।”
(दीप्तिमान तिवारी की रिपोर्ट)