देश के स्वच्छता सर्वेक्षण रैंक में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के 6वां सबसे साफ शहर घोषित होने पर राज्य के मंत्री और विधायकों ने मंगलवार को सफाईकर्मियों का सम्मान किया। इस अवसर पर राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और विधायक रामेश्वर शर्मा समेत कई नेताओं ने उनके पैर धोये और उन पर फूलों की बारिश की। इसके अलावा तिलक लगाकर शॉल भी ओढ़ाया।

हाल ही में केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में राज्य के इंदौर को लगातार छठी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया था। इसके बाद के दो स्थानों पर सूरत और नवी मुंबई रहे। ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022’ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में, मध्य प्रदेश ने पहला स्थान हासिल किया है, इसके बाद छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र रहे।

जिन लोगों ने सफाईकर्मियों का सम्मान किया और पैरों को धोया, उनमें मंत्री, विधायक के अलावा महापौर मालती राय, भाजपा प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, प्रदेश उपाध्यक्ष सीमा सिंह, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी समेत एमआईसी सदस्य और कई पार्षद शामिल रहे।

इंदौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान नवी मुंबई से गंवा दिया था। सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान हासिल किया था।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए थे। इसमें केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य भी शामिल रहे। एक लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर है, उसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन (एनपी) और महाराष्ट्र का करहड़ है।

1 लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार को सबसे स्वच्छ गंगा शहर घोषित किया गया था, इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश का स्थान रहा।सर्वेक्षण में, महाराष्ट्र के देवलाली को देश का सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड चुना गया था। स्वच्छ सर्वेक्षण का 7 वां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने और विभिन्न स्वच्छता और स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक करने के लिए आयोजित किया गया था।