उत्तर प्रदेश में सोमवार से विधान भवन का बजट सत्र शुरू हो गया है। मंगलवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान लाइट चली गई। उत्तर प्रदेश में अचानक मौसम बदलने से कुछ सेकंड के लिए बिजली गुल हो गई। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इसे बिजली विभाग की बड़ी चूक करार दिया और इसकी गाज 4 अधिकारियों पर गिरी। ऊर्जा मंत्री ने अधिशासी अभियंता ट्रांसमिशन (Executive Engineer Transmission) सहित 3 अधिकारियों को सस्पेंड और एक अधिकारी को बर्खास्त कर दिया।

लखनऊ विधानसभा में सुबह 11 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अभिभाषण दे रही थीं। इसी बीच अचानक आंधी आई और कुछ सेकंड के लिए बिजली गुल हो गई। हालांकि, अफरा-तफरी मचने से पहले बिजली चालू हो गई। इस दौरान राज्यपाल का अभिभाषण भी जारी रहा। पर यूपी सरकार के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इस चूक के लिए बिजली विभाग के तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया और एक सब स्टेशन ऑपरेटर को बर्खास्त कर दिया।

बिजली विभाग के कर्मचारियों पर कार्रवाई: सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में अधिशासी अभियंता ट्रांसमिशन संजय पासवान, सब डिवीजन ऑफिसर पुष्पेश गिरी और जूनियर इंजीनियर अमर राज शामिल हैं। वहीं, सब स्टेशन ऑपरेटर दीपक शर्मा की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। बिजली विभाग के कर्मचारियों पर ट्रांसमिशन उपखंड मार्टिनपूरवा लाइन ट्रिप होने पर कार्रवाई की गई है। लाइन ट्रिप होने पर विधानसभा समेत आसपास के इलाकों में बिजली गुल हो गई थी।

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा सोमवार शाम शक्ति भवन मुख्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने प्रमुख सचिव ऊर्जा और उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज और वरिष्ठ अधिकारियों से विधान सभा में बिजली गुल होने के कारणों के बारे में जानकारी ली। जिसके बाद ऊर्जा मंत्री ने ये एक्शन लिया।

बिजली विभाग ने आयोजित किया जन-सुनवाई कार्यक्रम: इससे पहले ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी कि ICT पहल ‘सम्भव’ के अंतर्गत बिजली विभाग द्वारा सभी ज़िलों में आज अधिशासी अभियन्ता एवं अधीक्षण अभियन्ता के कार्यालय में जन-सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिनमें से अधिकतर शिकायतों का निस्तारण तत्काल प्रभाव से किया गया। इसके तहत EE और SE ने शिकायतें सुनकर उसका तुरंत निस्तारण किया और CE ने इसकी मॉनिटरिंग की। इस दौरान उपभोक्ताओं की बिलिंग, मीटर खराब, विद्युत आपूर्ति, लोबोल्टेज, ज्यादा बिल आने तथा कनेक्शन आदि से संबंधित शिकायतों की सुनवाई की गई।