आइएएस अधिकारी बी चंद्रकला गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय के लखनऊ जोनल कार्यालय में पेश नहीं हुईं, लेकिन उन्होंने अपने वकील के जरिए दस्तावेज भिजवाए। उन्होंने एजंसी को यह भरोसा दिया कि वह मामले की सुनवाई के दौरान बाद में अदालत में पेश होंगी। ईडी के अधिकारियों के अनुसार, चंद्रकला ने बतौर प्रतिनिधि अपने वकील को भेजा था। उत्तर प्रदेश के अवैध खनन घोटाला मामले में धनशोधन की जांच कर रहे ईडी ने चंद्रकला को समन भेजकर उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था। ईडी को भिजवाए अपने लिखित प्रतिवेदन में 2008 बैच की आइएएस अधिकारी चंद्रकला ने कहा कि वह निजी कारण से प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष नहीं पेश हो सकतीं।

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में वर्ष 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को आदेश दिया था। इस मामले में दायर सीबीआइ की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। इसके तहत चंद्रकला के लखनऊ स्थित सरकारी आवास समेत दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी के बाद बाद पिछले हफ्ते निदेशालय ने चंद्रकला को समन जारी किया था।

इस मामले में सीबीआइ और ईडी- दोनों ही एजंसियों ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उनकी सरकार में मंत्री रही गायत्री प्रजापति समेत कई अन्य के खिलाफ भी जांच शुरू की है। दोनों एजंसियों का कहना है कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान एक समयावधि में अखिलेश यादव ने खुद भी खनन विभाग का जिम्मा संभाला था, इसलिए उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। ईडी ने चंद्रकला के अलावा मामले में पूछताछ के लिए चंद्रकला और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रमेश कुमार मिश्रा और अन्य को समन जारी किया था। मिश्रा को 28 जनवरी को तलब किया गया है। ईडी अब इस मामले में धन के लेन-देन का पता लगा रहा है और देख रहा है कि इन मामलों में आरोपियों ने रिश्वत के रूप में कथित तौर पर प्राप्त अवैध धन को वैध तो नहीं बनाया है।

ईडी के अधिकारी इन आरोपियों की धनशोधन रोधी कानून के तहत कुर्क की जा सकने वाली चल एवं अचल संपत्ति के संबंध में भी जांच करेंगे।  गौरतलब है कि सीबीआइ ने इस महीने की शुरुआत में 11 लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में 14 स्थानों पर छापे मारे थे। ये छापे 2012-16 के दौरान हमीरपुर जिले में अवैध खनन की जांच के सिलसिले में मारे गए थे। जिन लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की है, उनमें चंद्रकला, रमेश कुमार मिश्रा और संजीव दीक्षित (दीक्षित ने बसपा टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए) शामिल हैं। सीबीआइ की प्राथमिकी में कहा गया था कि जांच के दौरान राज्य के तत्कालीन खनन मंत्रियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।