जिग्नासा सिन्हा

Indian Railways: दिल्ली में एक बड़ा रेलवे नौकरी (Railway Jobs) घोटाला सामने आया है। यहां तमिलनाडु के 10 बेरोजगारों से लाखों रुपये की ठगी की गई है। इन युवाओं को अलग-अलग नई रेलवे स्टेशन पर तैनात किया गया था, और वहां से गुजरने वाली हर ट्रेन और डिब्बों की गिनती करनी थी। उनसे कहा गया कि ये उनकी ट्रेनिंग है। 30 दिन तक काम करने का बाद युवाओं को शक हुआ कि उन्हें फंसाया गया है। ये सभी युवा ग्रेजुएट और बीटेक ग्रेजुएट हैं। उन्होंने इस नौकरी के लिए 2 लाख से 20 लाख रुपये तक का भुगतान किया था।

नौकरी के लिए पिता और जीजा से लिए थे 12 लाख रुपये

मदुरै के बीए ग्रेजुएट जगदीश भी इन्हीं युवाओं में शामिल हैं। उन्होंने बताया, “महामारी के बाद से हम परेशान हैं और अपने परिवार का सहयोग करने के लिए नौकरी की तलाश कर रहे हैं। पिछले साल दिसंबर के आसपास हमारे पड़ोसी ने हमें बताया कि वह उत्तर रेलवे में काम करने वाले विकास राणा नाम के एक व्यक्ति से मिले थे। उन्होंने बताया कि वे नौकरी दिलवाएंगे। इसके बाद मैंने अपने पिता और अपनी बहन के पति से पैसे के लिए अनुरोध किया। जब हम ट्रेनिंग के लिए दिल्ली पहुंचे तो हमें सिर्फ ट्रेनों को गिनने का काम दिया गया। हमें थोड़ा संदेह हुआ, लेकिन आरोपी हमारे पड़ोसी का अच्छा दोस्त था, तो शर्म की वजह से कुछ बोला नहीं। मुझे 12 लाख रुपये से ज्यादा नुकसान हुआ है।”

24 अन्य लोगों से ठगे ढाई करोड़ रुपये

इसी तरह 24 अन्य लोगों से भी रेलवे स्टेशन पर नौकरी का झांसा देकर करोड़ों रुपये ठगे गए हैं। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक पूर्व सैनिक एम सुब्बुसामी की शिकायत पर पिछले महीने एक मामला दर्ज किया था। उसने पुलिस को बताया कि वह इलाके के बेरोजगार युवाओं की मदद करना चाहता था, लेकिन अंत में सबके पैसे डूब गए।

उन्होंने कहा, “मैं कोयम्बटूर में शिवरामन नाम के एक व्यक्ति से मिला, जिसने कहा कि वह सभी सांसदों और मंत्रियों को जानता है। मैंने इलाके के केवल तीन आदमियों से टीटीई की नौकरी के लिए आवेदन करने को कहा था, लेकिन और भी लोग आ गए। हम विकास राणा से मिले, जिन्होंने कहा कि वह ट्रेनिंग करवाएंगे। युवाओं ने मुझ पर भरोसा किया और पैसे भेज दिए। मैंने राणा के अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर दिया। जैसे ही मुझे घोटाले के बारे में पता चला, मैंने पुलिस को सूचित किया।”

टीटीई, क्लर्क और मैनेजर की नौकरी का किया था वादा

उन्होंने बताया कि राणा टीटीई, क्लर्क, मैनेजर आदि के रूप में नौकरी का वादा करता था। उन्होंने कहा, “मैं लड़कों को दिल्ली ले गया और उनके साथ गया। राणा और उसके सहयोगी हमें फर्जी मेडिकल जांच और रजिस्ट्रेशन के लिए ले जाते थे। प्रशिक्षण के बाद मैंने राणा को फोन किया, लेकिन उसने मेरा फोन उठाना बंद कर दिया।”