Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी (सपा) से अलग होकर भाजपा से हाथ मिलाने के अपने फैसले का बचाव किया। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने बुधवार को इसे एक ‘रणनीतिक कदम’ बताया। साथ ही ‘चवन्नी’ वाले बयान को लेकर अखिलेश यादव पर कटाक्ष किया।
मुजफ्फरनगर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की एक रैली में बोलते हुए जयंत ने कुश्ती शब्द का इस्तेमाल किया। जयंत ने कहा कि मैं पलटा नहीं हूं। इसे पटखनी मारना (प्रतिद्वंद्वी को जमीन पर पटखना) कहते हैं। वह (अखिलेश) के बारे में थोड़ बहुत जानते हैं। मैं भी थोड़ा-थोड़ा जानता हूं।
रविवार को जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव से उनके पूर्व सहयोगी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ‘संभव है कि प्रधानमंत्री पूछ सकते हैं कि यह चवन्नी कौन है।’ पिछले साल आरएलडी के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच जयंत ने कहा था, ‘क्या मैं कोई चवन्नी हूं जो इस तरह पलट जाऊंगा?’
सपा के समर्थन से राज्यसभा के लिए चुने गए जयंत ने बुधवार को अखिलेश का नाम लिए बिना कहा, ”मैंने उत्तर प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री का बयान सुना है। अभी तक मैंने उनसे कुछ नहीं कहा है, हो सकता है वह गाली देना चाहते हों। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं। मुजफ्फरनगर के लोगों से मेरी विशेष अपील है…वोट ऐसे करें कि उन्हें पता चल जाए कि मैं पीछे मुड़कर नहीं आया हूं।’
जयंत चौधरी ने कहा कि मुझे भरोसा है कि मोदी सरकार ही किसानों का भला कर सकती है, क्योंकि मोदी सरकार ने उनके दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया है, आरएलडी प्रमुख ने विपक्षी इंडिया गठबंधन पर वोट पाने के लिए चरण सिंह के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को बेवकूफ बनाने का आरोप लगाया।