जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार (19 अप्रैल) को ‘‘कश्मीर के दिल के दर्द’’ की बात की जिसे तुरंत दूर करने की जरूरत है ताकि राज्य के युवा फले-फुले और देश की तरक्की में योगदान करें। जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में इसी माह शपथग्रहण करने के बाद पहली जनसभा को संबोधित करते हुए महबूबा ने पाकिस्तान, सीरिया और लीबिया समेत मुस्लिम देशों में जन विक्षोभ की चर्चा की।
उन्होंने यहां श्री वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के उद्घाटन के बाद रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान में सरकार अपने ही अवाम से लड़ रही है, सुन्नी शिया को मार रहे हैं और शिया सुन्नियों को।’’
महबूबा ने कहा, ‘‘मुझे एक ऐसे मुल्क में रहने का फख्र है जहां विभिन्न धर्मों के लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं, लेकिन एक दर्द है…कश्मीर के दिल में दर्द और हम सभी को मिल कर इसे दूर करना है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें इसे दूर करने की जरूरत है ताकि देश के बाकी हिस्सों की तरह कश्मीर के युवा भी तरक्की करें।’’
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा और केन्द्र एवं राज्य के मंत्री भी शरीक हुए। महबूबा ने हंदवाड़ा की हाल की हत्याओं का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि मोदी की रहनुमाई में उनकी सरकार राज्य में अमन बहाल कर सकेगी।
उन्होंने अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के साथ अपनी वार्ता का जिक्र किया और कहा कि जब पीडीपी और भाजपा के बीच गठबंधन के लिए बातचीत चल रही थी तो दिवंगत नेता ने उनसे कहा था, ‘‘मैंने एक ऐसे शख्स का हाथ थामा हे जिसे करोड़ों लोगों ने देश का प्रधानमंत्री बनाया है।’