अमित शर्मा

मेरठ में कई ढाबों और रेस्तरांओं ने सामाजिक सद्भाव बढ़ाने के लिए अनूठी पहल की है। दरअसल कांवड़ यात्रा के चलते इन फूड आउटलेट्स ने, जो कि नॉन वेजिटेरियन हैं, शाकाहारी खाना परोसना शुरु कर दिया है। ये फूड आउटलेट्स कावंड़ियों को पनीर बिरयानी बनाकर बेच रहे हैं। बता दें कि कांवड़ यात्रा हर साल होती है, जिसमें भगवान शिव के भक्त गंगाजल भरकर अपने-अपने घरों तक पैदल जाते हैं। इन आउटलेट्स ने बाकायदा बैनर लटकाकर इस बात की जानकारी दी है। बैनरों पर लिखा है कि ‘चल रहे श्रावण मास में सभी कांवड़ यात्रियों का सम्मान रखते हुए हमारे रेस्तरां में पवित्र जल चढ़ने तक शाकाहारी हलीम बिरयानी उपलब्ध रहेगी।’

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के अनुसार, अपनी नॉन वेज बिरयानी के लिए मशहूर एक दुकान के मालिक अब्दुल रहमान का कहना है कि ‘राजनेता अपने फायदे के लिए हमेशा दोनों समुदायों के बीच दूरी बनाने की कोशिश करते रहते हैं। लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम शांतिपूर्वक रहें ताकि हमारे बच्चे एक स्वस्थ माहौल में पल सकें। हमारी दुकान के सभी मसाले और महीने का राशन एक हिंदू भाई की दुकान से आता है, तो ऐसे में सांप्रदायिक बंटवारे का सवाल कहां आता है?’ एक अन्य नॉन वेज दुकान के मालिक रईसुद्दीन का कहना है कि ‘पिछले कुछ दिनों से उनकी बिक्री में 20 प्रतिशत की कमी आयी है, लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता। हम किसी फायदे के लिए ऐसा नहीं कर रहे हैं। हम जानते हैं कि श्रवण मास की हिंदुओं के लिए क्या अहमियत है, उसके मुकाबले मेरी दुकान का घाटा कोई अहमियत नहीं रखता।’

वहीं कोतवाली पुलिस स्टेशन के इंचार्ज यशवीर सिंह का इस पर कहना है कि हमने इलाके में पड़ने वाले रेस्टोरेंट्स और ढाबा मालिकों से मुलाकात कर उनसे कांवड़ यात्रा के दौरान नॉन वेज खाना नहीं बनाने की अपील की थी। जिसके बाद रेस्टोरेंट मालिकों ने नॉन वेज बिरयानी के बजाए वेज बिरयानी बेंचने का आइडिया निकाला। भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इस कदम की सराहना की है और कहा है कि इससे हमारे बीच धार्मिक सद्भाव बढ़ाने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि मेरठ में हापुड़ और दिल्ली रोड पर कई नॉन वेज रेस्तराओं के मालिकों ने कांवड़ यात्रा के दौरान अपने रेस्तरां बंद रखने का फैसला किया है।