नाथूराम गोडसे को लेकर देश में सियासत गर्म है। साध्वी प्रज्ञा के बयान के बाद से नाथूराम गोडसे के नाम को फिर से उछाला जा रहा है। साध्वी के बयान और माफी के बाद एक नया मामला सामने आया है। मेरठ में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने रविवार को महात्मा गांधी के हत्यारे का जन्मदिन मनाया। इस दौरान यज्ञ किया गया और मिठाईयां बांटी गईं। हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि महात्मा गांधी देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि 40 लाख निर्दोष लोगों मरवा दिया था। गोडसे ने गांधी की हत्या धर्म की रक्षा के लिए की थी।
राष्ट्रपति को भेजी चिट्ठी: हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष पंडित अशोक शर्मा ने राष्ट्रपति के नाम एक चिट्ठी भी भेजी। चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि राजघाट को तोड़कर हटा दिया जाए। उसकी जगह गांधी की वजह से मारे गए निर्दोष लोगों का स्मारक बनाया जाए। इस गौरान कार्यकर्ताओं ने अपने सीने पर `गर्व से कहों मैं नाथूराम गोडसे’ लिखे पोस्टर लगा रखे थे।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब हिंदू महासभा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन किया है। इससे पहले भी हिन्दू महासभा इस तरह के आयोजन कर चुका है । इस साल बीते 30 जनवरी को हिन्दू महासभा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में महात्मा गांधी के प्रतीकात्मक पुतले में गोली मारी गई थी। इस घटना के बाद कड़ी हिंदू महासभा की कड़ी आलोचना की गई थी। हाल ही में अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने नाथूराम गोडसे को लेकर कहा था कि देश का पहला आतंकवादी हिंदू था जिसके बाद काफी बयानबाजी हुई थी और उनकी इस बयान को लेकर कईयों ने आलोचना भी की थी।
बता दें कि 1947 में भारत के विभाजन के दौरान राष्ट्रवादी औपचारिक विभाजन को लेकर नाथूराम गोडसे काफी आहत थे। इसके अलावा पाकिस्तान को पैसे देने के फैसले से भी गोडसे काफी क्रोधित थे जिसके बाद उन्होंने गांधी की हत्या का फैसला लिया। उन्होंने गांधी की हत्या के लिए एक पिस्तौल खरीदी और जब गांधी जी बिड़ला भवन में दूसरी प्रार्थना के लिए जा रहे थे उस वक्त गोडसे ने गांधी के सीने में तीन गोलियां उतार दी थी।