बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पठानकोट हमले की जांच करने वाले दल में पाकिस्तान की खुफिया एजंसी आइएसआइ के अधिकारियों को शामिल करने के नरेंद्र मोदी सरकार के कदम पर सवाल उठाते हुए बुधवार को कहा कि इससे देश और सरकार की कमजोरी झलक रही है। बसपा मुखिया मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा कि पठानकोट स्थित वायुसेना बेस पर लगभग तीन महीने पहले हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल में पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजंसी आइएसआइ के अधिकारी भी शामिल हैं और वह घटनास्थल का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं के तर्क आम जनता की समझ से परे लगते हैं। अपने चुनावी वादे पूरे करने में पूरी तरह नाकाम साबित होने के बाद केंद्र की भाजपा सरकार अब देशहित के मामलों में समझौता करती नजर आ रही है।

केंद्र सरकार पर पाकिस्तान के संबंध में ढुलमुल नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि पाकिस्तानी जांच दल को भारत बुला कर उसका गर्मजोशी से स्वागत करना और उसे पठानकोट वायुसेना स्टेशन के संबंधित इलाकों पर ले जाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार का एक नया आविष्कार है। इससे देश में ज्यादातर लोगों को केंद्र सरकार की कमजोरी नजर आती है।

मायावती ने कहा कि मोदी सरकार का यह ‘अनूठा प्रयोग’ भारत और पाकिस्तान के आपसी कड़वे संबंधों को देशहित में बदल पाएगा, इसे लेकर लोग आशंकित हैं। इसी वजह से इसका विभिन्न स्तरों पर विरोध हो रहा है। पाकिस्तान की पांच सदस्यीय संयुक्त जांच टीम (जेआइटी) ने दो जनवरी को हुए आतंकवादी हमले की जांच के सिलसिले में कल भारतीय अधिकारियों के साथ पठानकोट वायुसेना स्टेशन के ‘चुनिंदा’ क्षेत्रों को देखा था, जहां 80 घंटे से अधिक समय तक मुठभेड़ चली थी। इसमें कम से कम चार आतंकवादी मारे गए थे और सात सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। पाकिस्तानी अधिकारियों की मौजूदगी वाली इस जांच टीम का कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने विरोध किया था।