उत्तर प्रदेश, हरियाणा सहित कई राज्यों में लगातार मिली हारों के बाद अब बीएसपी प्रमुख मायावती ने बड़ा बयान दिया है। मायावती ने X पर पोस्ट कर कहा कि अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर को निराशा व उससे होने वाले मूवमेंट को हो रहे नुकसान से बचाना जरूरी है।

मायावती ने कहा, “यूपी सहित दूसरे राज्यों के चुनाव में भी BSP का वोट गठबंधन की पार्टी को ट्रांसफर हो जाने किन्तु उनका वोट बीएसपी को ट्रांसफर कराने की क्षमता उनमें नहीं होने के कारण अपेक्षित चुनाव परिणाम नहीं मिलने से पार्टी कैडर को निराशा व उससे होने वाले मूवमेन्ट की हानि को बचाना जरूरी।”

बीएसपी चीफ ने अगले पोस्ट में आगामी चुनावों को भी अकेले चुनाव लड़ने की बात करते हुए कहा, “इसी संदर्भ में हरियाणा विधानसभा के चुनाव परिणाम व इससे पहले पंजाब चुनाव के कड़वे अनुभव के मद्देनजर आज हरियाणा व पंजाब की समीक्षा बैठक में क्षेत्रीय पार्टियों से भी अब आगे गठबंधन नहीं करने का निर्णय, जबकि भाजपा/एनडीए व कांग्रेस/इण्डिया गठबंधन से दूरी पहले की तरह ही जारी रहेगी।”

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उन्होंने कहा कि देश की एकमात्र प्रतिष्ठित अम्बेडकरवादी पार्टी बीएसपी व उसके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान मूवमेंट के कारवां को हर प्रकार से कमजोर करने की चौतरफा जातिवादी कोशिशें लगातार जारी हैं। इस क्रम में अपना उद्धार खुद करने योग्य व शासक वर्ग बनने की प्रक्रिया पहले की तरह ही जारी रखनी जरूरी है।

स्वार्थी नेताओं को नहीं जोड़ेगी बीएसपी

मायावती ने कहा, ” बीएसपी विभिन्न पार्टियों/संगठनों व उनके स्वार्थी नेताओं को जोड़ने के लिए नहीं, बल्कि ‘बहुजन समाज’ के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारा व सहयोग के बल पर संगठित होकर राजनीतिक शक्ति बनाने व उनको शासक वर्ग बनाने का आन्दोलन है, जिसे अब इधर-उधर में ध्यान भटकाना अति-हानिकारक।”