सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बागी नेताओं को बड़ा झटका लगा है। वह ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ नई पार्टी की तैयारी में थे, लेकिन प्रशासन से इजाजत नहीं मिल पाई। मऊ जिला प्रशासन ने ओपी राजभर के खिलाफ नई पार्टी के गठन के कार्यक्रम को रुकवा दिया।

सिटी मजिस्ट्रेट ने एलआईयू के हवाले से कार्यक्रम को निरस्त करने की बात कही। वहीं, बागी गुट के नेताओं का आरोप है कि ओम प्रकाश राजभर ने एक दिन पहले रात को जिला प्रशासन पर दबाव बनाया था, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई और नई पार्टी के ऐलान का मामला अटक गया।

सुभासपा के बागी नेता महेंद्र राजभर ने कहा कि ओपी राजभर सिटी सीओ से मिलकर गए हैं। मुलाकात के दौरान उन पर दबाव बनाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सुभसपा प्रमुख बागी नेताओं की भावना को कुचलना चाहते हैं, लेकिन कार्यकर्ता नई पार्टी का निर्माण करेंगे और पीछे हटने वाले नहीं हैं।

वहीं, मऊ के सिटी मजिस्ट्रेट डीपी सिंह का कहना है कि परमिशन के लिए उन लोगों का आवेदन प्राप्त हुआ था, जिसे सीओ और एलआईयू को भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि एलआईयू के द्वारा आवेदन को रद्द कर दिया गया है।

बता दें कि इससे एक दिन पहले सुभासपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर और पूर्व जिला अध्यक्ष रामजीत राजभर समेत कई कार्यकर्ताओं ने मऊ में एक प्रेसवार्ता कर नई पार्टी के गठन का ऐलान किया था। नेताओं ने इसमें दावा किया था कि प्रदेश स्तर के तमाम कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर उनके साथ आएंगे।

महेंद्र राजभर ने कहा था कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के कार्यकर्ता ओम प्रकाश राजभर का साथ छोड़कर उनके साथ आने को तैयार हैं और वह एक नई पार्टी का गठन करेंगे। इस पार्टी का नाम उन्होंने सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी रखने की घोषणा भी की थी। उन्होंने कहा था कि महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें नई पार्टी का ऐलान किया जाएगा। इसके अलावा, पदाधिकारियों के नामों की घोषणा की भी बात कही गई थी। उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को प्रदेश का सबसे बड़ा झूठा इंसान बताते हुए कहा था कि उनकी पार्टी टिकाऊ नहीं बिकाऊ है।