उत्तर प्रदेश के किसान आने वाले दिनों में अपने खेतों में उपज के साथ-साथ बिजली का भी उत्पादन करेंगे जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। यह बात उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने विश्व एवं राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस में यूपीनेडा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही है। मंत्री ने यह बात ‘पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान’ (कुसुम योजना – ए और सी) तथा आदित्य ऐप’ के उद्घघाटन पर कही है । उन्होंने यह भी कहा है कि इस योजना के तहत प्रदेश के विकास की गाड़ी में ईंधन भी किसानों के खेत का होगा।
कुसुम-ए योजना के तहत किसानों को मिलेगा फायदाः मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा, ‘कुसुम-ए योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर 0.5-2 मेगावॉट तक के सोलर पावर प्लांट लगा सकते हैं। मौजूदा वर्ष में सरकार कुल 75 मेगावाट की क्षमता के ऐसे किसानों और विकासकर्ताओं की मदद से लगवाएगी। सरकार यह बिजली उचित दर पर खरीदेगी और किसान को इसका लाभ होगा।’
Hindi News Today, 16 December 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
किसान बिजली बेच कर पाएंगे आमदनीः वहीं, कुसुम-सी के तहत मौजूदा निजी ट्यूबवेलों को ग्रिड कनेक्टेड सोलर पम्पसेट्स में बदला जाएगा। इसके लिए सब्सिडी भी दी जाएगी और सिंचाई के लिए किसान की बिजली पर निर्भरता समाप्त होगी। ऐसे आमतौर पर 150-185 दिनों तक किसान सिंचाई करता है। अन्य दिनों में पैनल से बनी बिजली ग्रिड में जाएगी और किसान इस बिजली बेचकर आमदनी भी कर सकेगा।
योजना के तहत युवाओं को ट्रेनिंग और प्लेसमेंट भी मिलेगाः ऊर्जा मंत्री ने यूपीडेस्को द्वारा बनाए गए आदित्य-टीएंडई ऐप को लांच करते हुए बताया, ‘यह ऐप प्रदेश के 6000 प्रशिक्षित सूर्यमित्रों के लिए रोजगार के पोर्टल और बिना ट्रेनिंग युवाओं को ट्रेनिंग और प्लेसमेंट दिलाने में भी मददगार होगा। वहीं आदित्य-सी ऐप की मदद से सोलर पावर प्लांट का उपयोग कर रहे उपभोक्ता कोई खराबी आने पर उसे ठीक कराने के लिए नजदीकी सूर्यमित्र से संपर्क कर सकेंगे।’
दुनिया के विकसित देश हमसे पीछेः मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने यह भी कहा, ‘भारत को जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में 9वां रैंक मिला है। पहली बार भारत टॉप 10 में आया है। ऐसा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देकर ग्रीन हाउस गैसों के इमीशन में कमी लाने तथा ऊर्जा के बेहतर इस्तेमाल से हुआ। चीन, अमेरिका, रूस, आॉस्ट्रेलिया भी रैंकिंग में हमसे काफी पीछे हैं।’ ऊर्जा मंत्री ने बताया, ‘वर्ष 2022 तक उप्र में 10,700 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। सिंचाई के लिए 25,511 सोलर पंप दिए जा चुके हैं।
पावर कंजर्वेशन पर छात्रों को किया सम्मानितः प्राथमिक विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल के लिए 2,727 सोलर आरओ वाटर प्लांट लगाए जा चुके हैं। प्रदेशभर में 2 लाख 70 हजार सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं।’ उन्होंने छात्रों और उपस्थित लोगों से कहा कि पावर और क्लीन एनर्जी-ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार एलईडी बल्ब, सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर पंप, विंड एनर्जी, बायोमास फ्यूल, इलेक्ट्रिक वाहन और नैचुरल गैस को बढ़ावा दे रही है। इस मौके पर ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा मंत्री ने छात्रों द्वारा बनाए गए पावर कंजर्वेशन के प्रोजेक्ट्स पर उन्हें सम्मानित किया और सभी को इसकी शपथ भी दिलाई।