मध्य प्रदेश के देपालपुर के पीरपीपलिया गांव के युवाओं ने मानवीयता का उदाहरण पेश किया। यहां युवाओं ने मिलकर शहीद मोहनलाल सुनेर के परिवार को दस लाख रुपए का मकान तोहफे में दिया। इसके लिए उन्होंने वन चेक फॉर शहीद अभियान चलाया और लगभग 11 लाख रुपए इक्ट्ठे किए। इसके बाद रक्षाबंधन के दिन युवाओं ने हथेली पर पैर रखवाकर शहीद की पत्नी से गृहप्रवेश करवाया और राखी बंधवाई। इससे पहले शहीद की पत्नी जिस मकान में रहती थी उसकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी।
उग्रवादियों से लड़ते हुए शहीद हुएः पीरपीपलिया के रहने वाले मोहनलाल सुनेर साल 1992 में त्रिपुरा में उग्रवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। वन चेक फॉर शहीद अभियान के संयोजक विशाल राठी ने बताया कि मोहनलाल के शहीद होने के बाद उनके परिवार को सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली।
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कठिन परिस्थितियों में पालाः शहीद मोहनलाल की पत्नी राजूबाई ने बताया कि जिस समय उनके पति शहीद हुए उनका छोटा बेटा मात्र 3 वर्ष का था और वह चार महीने की गर्भवती थी। शहीद की पत्नी को अपने बेटों को पालने के लिए काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
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लगाई जाएगी मूर्तिःअभियान के संयोजक विशाल राठी ने बताया कि जमा किए गए पैसे में से दस लाख रुपए घर बनाने में खर्च किए गए, और बाकी एक लाख रुपए से शहीद मोहनलाल की मूर्ति बनवाने के लिए रखे गए हैं। उन्होंने कहा मूर्ति लगभग तैयार है। इसे पीरपीपलिया मुख्य मार्ग पर लगाया जाएगा। यही नहीं जिस स्कूल से शहीद ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी उसका नाम भी उनके नाम पर रखने के लिए प्रयास किया जा रहा है ताकि लोग हमेशा उनकी शहादत याद रख सकें। शहीद सुनेर का बड़ा बेटा बीएसएफ में कार्यरत हैं। वहीं उनका छोटा बेटा अपनी मां के साथ रहता है।