Marathi Gujarati Row: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के एक बयान पर घमासान मचा हुआ है। राज्यपाल कोश्यारी ने कहा था कि मुंबई में अगर गुजराती और राजस्थानी लोग नहीं रहेंगे तो यहां पैसा बचेगा ही नहीं और यह देश की आर्थिक राजधानी नहीं रहेगी। इस बयान पर जहां शिवसेना राज्यपाल से माफी की मांग कर रही है, वहीं, मोदी सरकार में मंत्री आठवले ने कोश्यारी के बयान का समर्थन किया है और कहा कि राज्यपाल ने जो कहा है वह सही कहा है।
‘आजतक’ से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, “मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है, मराठी लोगों की राजधानी है तो साथ-साथ देश की आर्थिक राजधानी भी है। गुजरात के लोग पहले से मुंबई शहर में बड़ी संख्या में रहते थे और मारवाड़ी समाज भी अपना छोटा-मोटा धंधा करने के लिए महाराष्ट्र में आया है। ये लोग भी करीब 60-70 सालों से इधर हैं।”
रामदास आठवले ने कहा कि मुंबई में मराठी लोगों के उद्योग-धंधे तो हैं ही लेकिन बाहर के लोगों के योगदान को भी नकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुंबई ऐसा शहर है जहां पूरे देश के लोग रहते हैं। आठवले ने कहा कि देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं क्योंकि यह देश की आर्थिक राजधानी है और यहां पर लोगों को कारोबार करने का मौका मिलता है।
अपमान करने जैसी कोई बात नहीं- आठवले
आठवले ने कहा कि राज्यपाल ने जो भी बोला उसमें मराठी लोगों के अपमान जैसी कोई बात नहीं थी और उनके बयान को गलत तरीके से लेते हुए उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं। मोदी सरकार में मंत्री आठवले ने कहा कि इस मुद्दे को ज्यादा खींचने की जरूरत नहीं है। विपक्ष के आरोपों पर आठवले ने कहा कि कोश्यारी भाजपा के नेता रह चुके हैं लेकिन आज वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और उनको सम्मान मिलना चाहिए।
बता दें कि राज्यपाल के बयान पर सियासत गरमाई हुई है और शिवसेना उनसे माफी की मांग रही है। वहीं, राज्यपाल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत तरीके से लिया गया है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि उनका मराठी भाषी लोगों की मेहनत को कमतर करने का कोई इरादा नहीं था।