Manmohan Singh Security Chief: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा और उनके व्यवहार को लेकर बड़ी जानकारी साझा की है। असीम अरुण ने कहा कि मैं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सिक्योरिटी चीफ रहा हूं। मैं 2004 से 2008 के बीच उनकी 22 लोगों की कमांडो टीम का हिस्सा था। योगी के मंत्री ने यह बात जनसत्ता.कॉम से खास बातचीत के दौरान कही।
असीम अरुण ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर जो अंदरुनी घेरा होता है, उसको क्लोज प्रोटेक्शन टीम बोलते हैं, उसका मैं सिक्योरिटी चीफ रहा हूं। यह टीम हमेशा उनके साथ रहती है। उन्होंने कहा कि वैसे तो एसपीजी एक बहुत बड़ी संस्था होती है, लेकिन उसमें से एक क्लोज प्रोटेक्शन टीम बनाई जाती है। उसके चीफ के रूप में काम करने का मुझे मौका मिला।
योगी के मंत्री ने कहा कि इसलिए लोकतंत्र में मैं सिक्योरिटी को बहुत अच्छे से समझता हूं। उन्होंने कहा कि मैं बड़ी-बड़ी बंदूकधारी लेकर खड़े सुरक्षा के खिलाफ हूं। अगर किसी को खतरा है तो वो सिक्योरिटी ऐसी हो जिसकी किसी को जानकारी ने हो। ऐसा मेरा मानना है। क्योंकि जब जनता आपके साथ कमांडो बगैरा को देखती है तो मिलने से आम लोग डरते हैं।
असीम अरुण ने कहा कि मुझे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का सिक्योरिटी चीफ रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं उनका निजी सचिव नहीं था और न उनके लिए फाइल का काम करता था, लेकिन मुझे उनकी सबसे अच्छी आदत यह लगती थी कि वो समय के बहुत पाबंद थे। अगर उनको नौ बजे निकलना है तो वो अक्सर पौने नौ बजे की तैयार होकर बैठ जाते थे।
मंत्री ने कहा कि अक्सर हम लोग क्या करते हैं कि जब हमें नौ बजे निकलना है तो हम नौ बजे ही तैयार होते हैं। उस बीच में कोई फोन आ गया या और कोई काम आ गया तो हम लेट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि उनसे मैंने एक चीज सीखी है कि वो समय के बहुत पाबंद थे।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से जुड़ी यादों का आगे जिक्र करते हुए असीम अरुण ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जी बहुत शालीन व्यक्ति हैं। मैं देखता था कि उनकी एक मारुती 8-100 गाड़ी थी। प्रधानमंत्री आवास में खड़ी रहती थी, वो कभी-कभार की चलती थी, लेकिन उनकी सादगी और शालीनता की जितनी तारीफ की जाए कम है।