पूर्वांचल में दहशत फैलाने वाला दो लाख का इनामी बदमाश मनीष सिंह सोनू को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया। उसपर हत्या समेत 32 मामले दर्ज हैं और पुलिस को उसकी काफी लंबे समय से तलाश थी। उसके पास से एक 9 एमएम की कारबाइन, 32 बोर की पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुआ है। एसटीएफ ने उसे लोहता में ढेर किया।

मनीष सिंह सोनू का पूर्वांचल के वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर और चंदौली जिले में दहशत था। उसके खिलाफ कई जिलों में दो दर्जन से अधिक केस दर्ज थे। वह लगभग एक दशक से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। अप्रैल 2021 में शूलटंकेश्वर के पास हुई एनडी तिवारी हत्याकांड का वह मेन शूटर था। जानकारी के अनुसार एसटीएफ को जानकारी मिली कि मनीष वाराणसी के लोहता इलाके में आया हुआ है। इसके बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई। मनीष की तरफ से फायरिंग शुरू हो गई। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ की टीम गोलीबारी शुरू और मनीष की मौत हो गई।

एसटीएफ आईजी लखनऊ ने एनकाउंटर को लेकर बताया कि दो लाख इनामी शातिर मनीष सिंह उर्फ सोनू पर पूर्वांचल के वाराणसी, जौनपुर और गाजीपुर सहित तमाम जिलों में अपराधिक गतिविधियों के कारण चर्चा में रहा है। एसटीएफ को लोहता के पास सोनू का लोकेशन मिलने पर कार्रवाई शुरू हुई और मुठभेड़ में वह ढेर हो गया। वह मूल रूप से वाराणसी के नरोत्‍तमपुर, लंका का रहने वाला था। हाल के समये में वह चोलापुर के सुलेमापुर में रहता था।

डबल मर्डर केस के बाद बढ़ा इनाम- जानकारी के अनुसार मनीष सिंह उर्फ सोनू पर पहले एक लाख का इनाम घोषित था। अगस्त 2020 में चौकाघाट काली मंदिर के पास हुए डबल मर्डर की घटना के बाद इसे बढ़ाकर दो लाख कर दिया गया। वह घटना की सीसीटीवी फुटेज में चिन्हित हुआ था। इसके बाद इनाम की रकम बढ़ा दी गई थी। तब से पुलिस उसे तलाश रही थी। इसका नाम रोहनिया के एक व्यापारी के दल लाख रुपये की रंगदारी मांगने में भी सामने आया था। शुलटंकेश्वर से दर्शन-पूजन कर लौट रहे एनडी तिवारी की हत्या में भी उसका नाम था।

शुरू से ही अपराधिक मानसिकता का था सोनू- लंका के नरोत्तमपुर निवासी अनिल सिंह का बेटा मनीष बचपन से अपने एक रिश्तेदार के पास चोलापुर के उंदी गांव में रहता था। वह शुरुआत से ही अपराधिक मानसिकता का था। एनकाउंटर में सनी सिंह की मौत के बाद मनीष वाराणसी समेत आसपास के इलाकों में व्यापारियों को धमकी देकर रंगदारी वसूलने में जुट गया था।