देशभर में कोरोनावायरस के खतरे के मद्देनजर जारी लॉकडाउन के तहत किसी भी शख्स को अपने घरों को छोड़ने की इजाजत नहीं है। सरकार ने एक शहर से दूसरे शहर में जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। ऐसे में किसी के लिए भी जरूरी कामों से बाहर निकलना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। हालांकि, लॉकडाउन के बीच सरकार ने 28 साल के एक युवक के लिए बड़ा दिल दिखाया है। मुंबई में एक लॉ फर्म में नौकरी करने वाले अनिन्द्य रॉय को गुरुवार सुबह ही पता चला कि कोलकाता में उनके पिता का देहांत हो गया। हालांकि, लॉकडाउन के बीच उनका शहर छोड़ना काफी मुश्किल था। ऐसे समय में शासन-प्रशासन ने अनिन्द्य की मदद की और उन्हें 2200 किलोमीटर दूर निजी वाहन से कोलकाता जाने के लिए विशेष पास जारी किया।
अनिन्द्य के मुताबिक, उनके पिता आशीष कुमार रॉय को बुधवार देर रात 1 बजे सीने में दर्द की शिकायत उठी थी। दर्द बढ़ने के बाद परिवारवालों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अनिन्ध ने बताया कि गुरुवार सुबह 6:30 बजे उन्होंने जागने के बाद अपना फोन देखा, तो उसमें 30 मिस्ड कॉल और 100 से ज्यादा मैसेज पड़े थे। हालात की गंभीरता को भांपते हुए, जब उन्होंने वापस फोन किया तो पता चला कि उनके 61 वर्षीय पिता की कार्डिएक अरेस्ट से मौत हो गई।
अनिन्द्य ने बताया कि उन्हें बस, ट्रेन और फ्लाइट सेवाओं के बैन होने की वजह से वे कोलकाता नहीं जा सकते थे। उन्होंने अपने कई दोस्तों से मदद की गुहार लगाई। हालांकि, किसी को भी अनिन्द्य के कोलकाता जाने के तरीके के बारे में नहीं सूझा। ऐसे में खुद अनिन्द्य ने फैसला किया कि वे पिता के डेथ सर्टिफिकेट के साथ गाड़ी चलाकर कोलकाता तक ड्राइव करेंगे। उनके इस फैसले पर दोस्तों ने उन्हें चेतावनी दी।
इस स्थिति में अनिन्द्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई। अनिन्द्य के मुताबिक, “एक दोस्त ने मुझे पूर्व कलेक्टर का नंबर दिया, जिन्होंने बाद में मुझे ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के पास जाने के लिए कहा।” दोपहर में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शेखर चन्ने के पास पहुंचने के बाद अनिन्द्य ने उन्हें पिता का डेथ सर्टिफिकेट दिखाया और अपनी स्थिति समझाई। 45 मिनट के अंदर ही कमिश्नर ने उन्हें दोस्त की गाड़ी से कोलकाता तक जाने के लिए स्पेशल पास जारी कर दिया।
अनिन्द्य का कहना है कि उन्हें 2200 किलोमीटर लंबी यात्रा में बॉर्डर पार करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं, लेकिन इस स्थिति में मां को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता। दूसरी तरफ स्पेशल पास जारी करने वाले ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चन्ने ने अनिन्द्य को अपना फोन नंबर भी दे दिया, ताकि रास्ते में कोई परेशानी आने पर वे उन्हें फोन कर सकें। उन्होंने कहा, “यह अपनी तरह की पहली रिक्वेस्ट थी, हमने मानवता के नाते अनिन्द्य की मदद के लिए उसे पास जारी कर दिया।”