जिले में अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही से एक युवक की आपातकालीन वार्ड के बाहर मौत हो गई। थाना सिविल लाइन के गांव जहानाबाद निवासी युवक अपनी पत्नी समेत चार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने के लिए चार दिन से थाने के चक्कर काट रहा था, पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इससे परेशान होकर युवक ने जहर खा लिया। आरोप है कि इलाज नहीं मिलने पर उसने दम तोड़ दिया। उधर, लखनऊ में शासन को जब इस बात की जानकारी मिली तो देर शाम अस्पताल के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया तथा एक संविदा कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया। इस मामले में एक डॉक्टर को चेतावनी भी दी गई है।
परेशान युवक ने खा लिया जहरः थाना सिविल लाइन इलाके के जहानाबाद गांव का निवासी तारा सिंह (23) शहर के काशीराम आवास में रह रहा था। तारा सिंह का उनकी पत्नी व चार अन्य लोगों से विवाद हो गया। तारा सिंह अपनी तहरीर लेकर थाने पहुंचा तो आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज किए बिना ही भगा दिया। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने से परेशान युवक ने जहर खा लिया जिसके बाद कुछ लोग उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां प्राथमिक उपचार के बाद पहले जिला अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में उसे भर्ती किया गया फिर उसे बाहर बरामदे में ही छोड़ दिया गया, जहां उसकी हालत बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया।
National Hindi News, 02 July 2019 LIVE Updates: देश-दुनिया की हर खबर पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक
मृतक के भाई ने लगाया आरोपः मृतक के भाई शिवा का आरोप है कि जिला अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से उसे सही इलाज नहीं मिला। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बी बी पुष्कर का कहना है एक व्यक्ति सल्फास खाकर जिला अस्पताल में भर्ती हुआ था। उसको उपचार दिया गया था। मरीज के लघुशंका कर लेने की वजह से उसको कर्मचारी नहलाने ले गए थे, नहलाने के बाद उसको इमरजेंसी के बरामदे में बैठाया गया जहां उसकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखकर लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उधर, लखनऊ में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि शासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिये गये हैं । उन्होंने बताया कि स्टाफ नर्स विनीता, कर्मचारी शोएब अहमद को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक अन्य कर्मचारी विजय लक्ष्मी को बर्खास्त कर दिया गया है। अस्पताल के एक डाक्टर को इस मामले में चेतावनी दी गई है ।