पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीजेआई यूयू ललित से लोकतंत्र और संघीय ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। उन्होंने दावा किया कि लोकतांत्रिक शक्तियां एक वर्ग के हाथों में सिमटती जा रही हैं, जो देश को राष्ट्रपति शासन की ओर ले जा सकता है। वह वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरीडिकल साइंसेज के दीक्षांत समारोह में शामिल हुई थीं, जहां उन्होंने ये बातें कही हैं।
दीक्षांत समारोह में ममता बनर्जी मुख्य अतिथि थीं। इस दौरान उन्होंने सीजेआई से कहा, “लोकतंत्र कहां है? कृप्या लोकतंत्र को बचाएं?” इस मौके पर जस्टिस यूयू ललित भी मौजूद थे क्योंकि वह यूनिवर्सिटी के कुलपति हैं। उन्होंने मीडिया का जिक्र करते हुए कहा, “क्या वे किसी को कुछ भी कह सकते हैं? क्या वे किसी पर आरोप लगा सकते हैं? सर, हमारी प्रतिष्ठा ही हमारी इज्जत है। अगर वह चली गई तो, सब चला जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर आपको लगता है कि मैं गलत हूं, तो मैं माफी मांगती हूं।” उन्होंने एनयूजेएस को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक बताया और सीजेआई की प्रशंसा करते हुए कहा, “मुझे न्यायमूर्ति यूयू ललित को बधाई देनी चाहिए। दो महीने में उन्होंने दिखा दिया कि न्यायपालिका का क्या मतलब है।”
अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं यह नहीं कह रही हूं कि लोगों का न्यायपालिका से विश्वास उठ गया है, लेकिन आजकल स्थिति बद से बदतर हो गई है। न्यायपालिका को लोगों को अन्याय से बचाना चाहिए और उनका रोना सुनना चाहिए। अभी लोग बंद दरवाजों के पीछे रो रहे हैं।”
बता दें कि हाल फिलहाल में तृणमूल के कई नेता अलग अलग घोटालों के आरोप में जेल में बंद हैं। इसके चलते ममता कई बार केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साध चुकी हैं। एक बार ममता ने कहा था कि आज भारतीय जनता पार्टी एजेंसियों का खौफ दिखा रही है।
उन्होंने कहा कि आज आप (भाजपा) सत्ता में है और केंद्रीय एजेंसियों का डर दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल जब आप सत्ता में नहीं होंगे, तो ये केंद्रीय एजेंसियां आपके आवास में प्रवेश करेंगी और आपको कान पकड़कर बाहर खींच लेंगी। वह दिन जल्द आएगा।