पश्चिम बंगाल में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते और बाद में टीएमसी में लौटे को विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने लोक लेखा समिति (PAC) का अध्यक्ष बना दिया। भाजपा विधायकों ने इसका विरोध किया और सदन से वॉकआउट कर दिया। सुवेंदु अधिकारी का कहना है कि पहली बार ऐसा हुआ कि इस पद के लिए किसी विपक्ष के नेता का चयन नहीं किया गया।

कागज पर अब भी मुकुल रॉय भाजपा के ही विधायक हैं। वह टीएमसी में शामिल हो गए लेकिन भाजपा के कई बार कहने के बावजूद विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया। रॉय को जून में पीएसी का सदस्य चुना गया था और अब अध्यक्ष बना दिया गया। सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में दल बदल कानून को लागू करने की मांग की है। अधिकारी का कहना है कि विधानसभा अध्यक्ष ने नियम तोड़कर उन्हें पीएसी का अध्यक्ष बनाया है। नियम के मुताबिक अध्यक्ष विपक्षी पार्टी का होना चाहिए।

ममता बनर्जी ने चला है बड़ा दांव
पीएसी का अध्यक्ष खातों के आडिट के काम की निगरानी करता है। मुकुल रॉय को पीएसी का चेयरमैन बनाकर ममता बनर्जी ने बड़ा दांव चल दिया है। इससे विपक्षी विधायक को चेयरमैन बनाने वाली बात भी पूरी हो गई और उन्होंने खुद की पार्टी के सदस्य को यह जिम्मेदारी भी दे दी।

सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘हमारी तरफ से पीएसी में 6 विधायकों का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन भाजपा ने कभी मुकुल रॉय का नाम आगे नहीं बढ़ाया था। वह स्वीकार कर चुके हैं कि अब वह भाजपा के नहीं टीएमसी के सदस्य हैं। ऐसे में नियमों को तोड़कर उन्हें यह जिम्मा सौंपा गया है।’ उन्होंने कहा कि भाजपा अशोक लाहिड़ी को पीएसी का चेयरमैन बनाना चाहती थी।

अधिकारी ने कहा कि मुकुल रॉय को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिया जाएगा और उनकी विधानसभा की सदस्यता चली जाएगी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष का कहना है कि रॉय आधिकारिक रूप से विपक्षी विधायक हैं। ऐसे में उन्हें यह जिम्मेदारी देकर गलत नहीं किया गया है।