मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी और भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने शनिवार को मध्य प्रदेश के सीहोर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शुद्रों को शुद्र कहकर बुलाने पर बुरा लगता है, ये उनकी सामाजिक समझ लेकर नामसझी है। क्षत्रिय महासभा की एक सभा में उन्होंने कहा कि समाज को हमारे धर्मशास्त्र में चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘क्षत्रिय को क्षत्रिय कह दो उन्हें बुरा नहीं लगता। ब्राह्मण को ब्राह्मण कह दो बुरा नहीं लगता। वैश्य को वैश्य कह दो बुरा नहीं लगता। शुद्र को शुद्र कह दो बुरा लग जाता है। कारण क्या है? क्योंकि ना समझी, समझ नहीं पाते।’ भाजपा सांसद ने एक और विवादित टिप्पणी करते हुए कहा कि जनसंख्या वृद्धि कानून उन लोगों के लिए होना चाहिए जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। ये कानून उन लोगों पर लागू नहीं होना चाहिए जो राष्ट्र के लिए जीते हैं।
उन्होंने कहा कि आरक्षण गरीबों को लाभ पहुंचाने के लिए आर्थिक आधार पर होना चाहिए। सभा में महिलाओं को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि आज के क्षत्रियों को अपने कर्तव्यों को समझने और अधिक से अधिक बच्चे पैदा कर उन्हें सेना मे भेजने की जरुरत है, ताकि वो राष्ट्र के लिए लड़ सकें और देश की सुरक्षा मजबूत करें।
केंद्र के तीन नए कृषि बिलों के खिलाफ किसान आंदोलन पर उन्होंने कहा कि जो किसानों के नाम पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वो देशद्रोही हैं। वो अन्नदाता नहीं हैं, कांग्रेसियों और वामपंथियों ने किसानों की आड़ में देश के खिलाफ आवाज उठाई और गलत जानकारियों को फैलाया। जैसे उन्होंने शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान किया था।
रविवार को द इंडियन एक्सप्रेस ने भाजपा नेत्री की इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया लेना चाही तो बात नहीं हो सकी। हालांकि उनके दफ्तर ने बताया कि क्षत्रिय महासभा के स्थापना दिवस पर उन्हें बुलाया गया था। इधर आखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इस आयोजन में उनका संगठन शामिल नहीं था।