Mainpuri By-election : समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के जून में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव और गोला गोकर्णनाथ विधानसभा (Gola Gokarnnath Assembly) उपचुनाव में प्रचार से दूर रहने के फैसले को उन चुनावों में सपा (SP) की हार के कारणों में शामिल किया गया था। रामपुर और आजमगढ़ को पार्टी का गढ़ माना जाता था लेकिन यह दोनों सीट भाजपा के खाते में चली गयी थी।

मैनपुरी (Mainpuri) में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते अखिलेश यादव

डिंपल यादव (Dimple Yadav) मैनपुरी Mainpuri) लोकसभा उपचुनाव से मैदान में दिखाई दे रही हैं। यह सीट सपा (SP) संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की मृत्यु के बाद खाली हो गयी थी। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) अब प्रचार अभियान में जुटे हुए नजर आ रहे हैं और पिछले 10 दिनों से मैनपुरी का दौरा कर रहे हैं। सपा (SP) प्रमुख इस प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि उनका परिवार उस सीट पर कायम रहे जिसे उनके पिता ने पांच बार जीता था।

आजमगढ़ (Azamgarh) और रामपुर (Rampur) उपचुनाव में नदारद थे अखिलेश यादव

सपा के एक नेता का कहना है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आजमगढ़ (Azamgarh) और रामपुर (Rampur) में प्रचार नहीं किया इसलिए सपा (SP) दोनों लोकसभा सीटों पर मामूली अंतर से हार गयी थी। हालांकि स्थानीय पार्टी इकाई ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें प्रचार करने की आवश्यकता नहीं है और वे आसानी से सीटें जीत लेंगे। आजम खान (Azam Khan) ने अपने वफादार उम्मीदवार को मैदान में उतारने के बाद रामपुर की जिम्मेदारी ली थी। अगर अखिलेश ने लोकसभा उपचुनाव में प्रचार किया होता सपा जीत जाती।

खुद चुनाव पर नजर रख रहे हैं अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)

डिंपल यादव (Dimple Yadav) के नामांकन की घोषणा से पहले ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) एक हफ्ते पहले मैनपुरी (Mainpuri) पहुंचे थे। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार तब से पूर्व मुख्यमंत्री केवल एक दिन के लिए लखनऊ गए हैं और अभियान का नेतृत्व करने के लिए अपने परिवार के गढ़ में डेरा डाले हुए हैं।

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सपा के एक स्थानीय नेता ने कहा कि अखिलेश ने चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को सौंपी है लेकिन वह खुद भी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकों की अध्यक्षता करते हैं और सपा के प्रचार प्रयासों की समीक्षा करते हैं।