महाराष्ट्र सरकार ने गोरेगांव स्थित आरे के भूखंड को रिजर्व फॉरेस्ट घोषित करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र के पर्यावरण और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक के बाद पर्यावरण विभाग ने आरे की 600 एकड़ की जमीन पर भारतीय वन कानून (IFA) की धारा-4 लगाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि आरे के सुझाव और विरोधों को सुनने के बाद इन्हें संरक्षित वन घोषित कर दिया जाएगा।

उद्धव सरकार के फैसले को समझा जाए, तो साफ होता है कि अब आरे में मेट्रो से जुड़ा कोई कार्य नहीं होगा। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने आरे जंगलों के कुछ पेड़ काटकर यहां मुंबई मेट्रो प्रोजेक्ट फेज-3 के तहत कारशेड बनाने की योजना रखी थी। हालांकि, पर्यावरणविदों द्वारा आरे के जंगलों को काटने का विरोध किया गया था। तब शिवसेना ने कहा था कि आरे को काटने से कई जंगली जानवरों के रहने की जगह खराब हो जाएगी। गौरतलब है कि आरे को मुंबई की हरियाली के लिहाज से अहम माना जाता है।

शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव के वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आती है, तो प्रस्तावित कारशेड की योजना को रद्द कर देगी। राकांपा और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने के बाद शिवसेना ने अपने वादे के तहत आरे में कारशेड के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया था।

चौंकाने वाली बात यह है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में आरे को प्रोजेक्ट के लिए उपयुक्त साइट बताया था। हालांकि, राज्य सरकार इसके बावजूद कारशेड के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में जुटी है।