महाराष्ट्र विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट है और शिंदे सरकार को सदन में अपना बहुमत सिद्ध करना होगा। वहीं रविवार को स्पीकर के लिए वोटिंग हुई और बीजेपी के राहुल नार्वेकर ने जीत हासिल की। राहुल नार्वेकर को कुल 164 वोट मिले जबकि शिवसेना के राजन साल्वी को 107 वोट मिले। वोटिंग के दौरान 16 विधायक अब्सेंट रहें। नए स्पीकर की भूमिका अब शिवसेना और सरकार के लिए काफी अहम होगी।

शिवसेना विधायक (ठाकरे गुट) दल के नेता अजय चौधरी ने शनिवार को सभी विधायकों को अपने विधानसभा अध्यक्ष उम्मीदवार राजन साल्वी को वोट देने के लिए व्हिप जारी किया था, वहीं शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने भी अपने विधायकों को व्हिप जारी किया ताकि वह बीजेपी के राहुल नार्वेकर के पक्ष में वोट करें। वहीं वोटिंग के बाद दोनों गुटों ने एक दूसरे पर व्हिप न फॉलो करने का आरोप लगाया।

विधानसभा में नए स्पीकर की भूमिका काफी अहम है। वहीं रविवार को स्पीकर पद पर चुने जाने के बाद राहुल नार्वेकर ने सदन में शिवसेना (ठाकरे गुट) विधायक दल के नेता के रूप में अजय चौधरी की नियुक्ति को खारिज कर दिया। उन्होंने ठाकरे खेमे के विधायक सुनील प्रभु को शिवसेना के मुख्य सचेतक के पद से भी हटा दिया।

ठाकरे गुट ने राहुल नार्वेकर को एक नई याचिका भी सौंपी, जिसमें 39 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा, “हमने 39 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक नई याचिका दायर की है।” वहीं इस विरोध में मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने राहुल नार्वेकर को एक पत्र सौंपा, जिसमें उन्होंने कहा कि ठाकरे गुट के 16 शिवसेना विधायकों ने शिंदे गुट द्वारा जारी किए गए व्हिप का पालन नहीं किया, जिसके पास बहुमत है।

वहीं राहुल नार्वेकर ने विधानसभा में शिंदे गुट को असली शिवसेना माना। स्पीकर के फैसले से साफ़ है कि आने वाले दिनों में दोनों पक्ष अदालतों में भिड़ेंगे। भाजपा के एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पार्टी चिंतित नहीं है क्योंकि ऐसे मामलों में किसी भी कानूनी या विधायी प्रक्रिया को समाप्त होने में कम से कम तीन महीने लगेंगे। इसके अलावा एक निर्वाचित स्पीकर के साथ अगला कदम शिंदे खेमे को एक समूह के रूप में मान्यता देना होगा।

भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि विधायी मामलों को तय करने के लिए स्पीकर सर्वोच्च हैं। उन्होंने कहा, “यदि शिवसेना के 55 में से 39 विधायक शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं, तो तस्वीर स्पष्ट है। किसके पास बहुमत है, इस बारे में कोई अस्पष्टता क्यों है?”