महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि एनसीपी जातिवाद की राजनीति करती है। राज ठाकरे ने यह भी मांग की कि सरकार मस्जिदों पर से जल्द लाउडस्पीकर हटवाए वर्ना उनके लोग मस्जिद के सामने लाउडस्पीकर लगाएंगे और हनुमान चालीसा बजाएंगे। राज ठाकरे के आरोप पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने टिप्पणी की है।

राज ठाकरे के आरोपों पर शरद पवार ने कहा कि, ” राज ठाकरे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और जाति की राजनीति के बारे में बात करते हैं, जबकि असलियत यह है कि छगन भुजबल और पिचड समेत अन्य नेताओं ने सदन में पार्टी के नेता के तौर पर काम किया है और हर कोई जानता है कि वह किस जाति से आते हैं। राज ठाकरे तीन-चार महीने तक सोए रहते और अचानक भाषण देने के लिए आ जाते हैं। मुझे पता नहीं पता कि वो इतने महीने तक करते क्या हैं और यही उनकी खासियत है।”

वहीं परिवारवाद के सवाल पर शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और उनके भतीजे अजीत पवार विधानसभा में 30 साल पूरा करने के बाद सदन के नेता बने। उन्होंने कहा कि एनसीपी ने सभी जातियों को एकजुट करने का काम किया है और राज ठाकरे को एनसीपी का इतिहास पढ़ना चाहिए।

क्या कहा था राज ठाकरे ने?: शरद पवार पर निशाना साधते हुए राज ठाकरे ने कहा था कि, “शरद पवार ने जातिवाद को बढ़ावा दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) राज्य में लोगों को जाति के आधार पर बांटने का काम करती है। अगर हम जातिवाद राजनीति से बाहर नहीं निकलेंगे तो हम हिन्दू कैसे बनेंगे।” राज ठाकरे ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सभी मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर को हटवा लिया जाए और अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी तो उनके लोग मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर लगाएंगे और उस पर हनुमान चालीसा बजाएंगे।

राज ठाकरे के बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि सभी को लगा राज ठाकरे का कार्यक्रम बीजेपी का था। संजय राउत ने पूछा कि कितने बीजेपी शासित राज्य में अजान बंद हो गई है या लाउडस्पीकर को मस्जिद से हटा दिया गया है?