महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शुक्रवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हुए, जहां उनके भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिलने की संभावना है। महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। हालांकि, शिवसेना ने इस बात से इनकार किया कि उसके विधायकों और सांसदों द्वारा प्रतिनिधित्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन के आवंटन को लेकर बीजेपी के साथ कोई मनमुटाव था।

धन के आवंटन पर टकराव

शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास 13 सांसद हैं। बुधवार शाम को मुख्यमंत्री के साथ सांसदों की बैठक में अन्य बातों के अलावा फंड आवंटन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। शिवसेना सांसद श्रीरंग बरने ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “हमारे सभी 13 सांसद बैठक में मौजूद थे। हमने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इनमें से एक मुद्दा धन के आवंटन का था। हमने मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया कि हमें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए राज्य सरकार से विधायकों की तुलना में कम विकास निधि मिल रही है।”

बरने ने कहा, “हर साल सांसदों को केंद्र सरकार से पांच करोड़ रुपये का विकास कोष मिलता है। हमें राज्य सरकार से धन नहीं मिलता है लेकिन हम राज्य सरकार द्वारा विकास कार्य करवाते हैं। विधायकों के विकास कार्यों पर जितना पैसा खर्च किया जाता है, वह सांसदों के सुझाए कार्यों पर खर्च होने वाली राशि से कहीं अधिक है। हम चाहते थे कि सीएम इस विसंगति को दूर करें। उन्होंने इस मुद्दे को देखने का वादा किया है।”

शिवसेना सांसद ने किया इनकार

यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी सांसदों को विकास के लिए अधिक फंड मिला, बरने ने कहा कि हम सांसदों ने ऐसी कोई शिकायत नहीं की, यह सब मीडिया की देन है। वे चाहते हैं कि हम आपस में झगड़ें। यह पूछे जाने पर कि क्या सांसदों ने आगामी चुनाव में लोकसभा सीटों में शिवसेना की हिस्सेदारी पर चर्चा की, श्रीरंग बरने ने कहा कि हमने कई मुद्दों पर चर्चा की लेकिन मैं उन सभी पर टिप्पणी नहीं कर सकता।

सूत्रों के मुताबिक, शिंदे की सेना 22 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है। हालांकि, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े ने इस दावे का मजाक उड़ाया है। उद्धव सेना के प्रवक्ता संजय राउत ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “एकनाथ शिंदे समूह को चुनाव लड़ने के लिए 5 सीटें भी नहीं मिलेंगी। हम इसे पार्टी नहीं मानते। यह सिर्फ एक समूह है जो जल्द ही गायब हो जाएगा।”

इस पर पलटवार करते हुए बरने ने कहा, “राउत के पास और कोई काम नहीं है इसलिए वह अपनी हताशा बाहर निकालते रहते हैं। वह जो कहते हैं, उसे हम ज्यादा महत्व नहीं देते हैं।”