महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव इस बार बेहद रोचक होता जा रहा है। महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटें खाली हैं और 7 उम्मीदवार मैदान में हैं। छठी सीट के लिए कड़ी टक्कर होना तय है। ऐसे में छोटी पार्टियों की अहमियत भी काफी ज्यादा होती दिख रही है। आलम ये है कि असेंबली में 2 सीटों वाली AIMIM ने भी एमवीए सरकार को अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पार्टी चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने दो टूक कहा कि एमवीए को समर्थन चाहिए तो हमसे संपर्क करना चाहिए।

महाराष्ट्र में राज्यसभा की छह सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। शिवसेना ने अपने दो उम्मीदवार संजय राउत और संजय पवार को मैदान में उतारा है। भाजपा ने तीन उम्मीदवारों केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक पर दांव लगाया है। शरद पवार की एनसीपी ने प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी को मैदान में उतारा है। दो सीट जीतने के लिए भाजपा के पास पर्याप्त मत हैं जबकि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस एक-एक सीट जीतने की स्थिति में हैं।

असेंबली के संख्याबल के हिसाब से जो समीकरण बनते दिख रहे हैं, उसमें ओवैसी अहम होते जा रहे हैं। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में ओवैसी के दो सदस्य हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान निर्धारित है। बीजेपी और शिवसेना में जिस तरह की सिर फुटौव्वल चल रही है उसमें कोई भी पार्टी किसी भी मोर्चे पर हार मानने को तैयार नहीं है। लेकिन इन सबके बीच शिवसेना को सताया खरीद-फरोख्त का डर भी सता रहा है। आलम ये है कि एहतियात के तौर पर एमवीए ने सभी विधायकों को गुप्त जगह पर भिजवा दिया है।

ओवैसी ने कहा कि एमवीए से किसी भी नेता ने हमसे या महाराष्ट्र के हमारे विधायकों से संपर्क नहीं किया है। उन्हें यदि हमारा समर्थन चाहिए तो हमसे संपर्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम एक-दो दिनों के भीतर अपना फैसला ले लेंगे कि किसे समर्थन करना है। उधर, औरंगाबाद से ओवैसी के सांसद इम्तियाज जलील ने कहा कि जो विधानसभा क्षेत्र पार्टी के पास हैं, उनसे जुड़े उनके कुछ मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि हम इन मुद्दों को सरकार के समक्ष रखेंगे। एमवीए भाजपा को हराना चाहता है तो उसे एआईएमआईएम का खुलकर समर्थन मांगना चाहिए।