राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने आरे वन बचाओ अभियान में बच्चों का इस्तेमाल करने के लिए शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है। एनसीपीसीआर बाल अधिकारों के लिए काम करने वाली शीर्ष संस्था है। आयोग ने मुंबई पुलिस को एक नोटिस भेजा है।
एनसीपीसीआर ने अपने नोटिस में कहा है कि उसे एक शिकायत मिली है जिसमें कहा गया है कि मुंबई जिला फुटबाल संघ के अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने शिव सेना के युवा प्रकोष्ठ युवा सेना में आरे बचाओ प्रदर्शन में बच्चों का इस्तेमाल किया। संस्था ने ट्विटर का एक लिंक भी साझा किया जिसमें प्रदर्शन के दौरान बच्चे हाथ में तख्तियां लिए खड़े हैं।
आयोग ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए आयोग आरोपी के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज करके मामले की जांच करने का अनुरोध करता है। इसमें कहा गया है कि पत्र के प्राप्त होने के तीन दिन के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को सौंपी जाए। आयोग के तेवरों से साफ है कि वो ठाकरे परिवार को छोड़ने के मूड़ में नहीं है। पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने को कहना इसी बात को दिखाता है।
गौरतलब है कि मुंबई में आरे कारशेड के फैसले पर सियासी घमासान जारी है। सीएम एकनाथ शिंदे ने महा विकास अघाड़ी सरकार के फैसले को पलट दिया था। इसके बाद से आरे कारशेड पर संग्राम शुरू हो गया है। विरोध प्रदर्शन में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे भी शामिल हुए हैं। उन्होंने एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा कि हमारा गुस्सा मुंबई पर न निकालें।
मुंबई के गोरगांव के आरे में बन रहे मेट्रो कारशेड का विवाद पुराना है। आरे में रह रहे लोग मेट्रो कारशेड यहां से हटाने के लिए विरोध कर रहे थे। उद्धव ठाकरे ने इसपर रोक लगाई थी। लेकिन शिंदे ने भाजपा के साथ सरकार बनाई और सीएम बने। उन्होंने सीएम बनते ही उद्धव सरकार के फैसले को पलट दिया। उद्धव ठाकरे गुट ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाकर लड़ाई शुरू कर दी है। आदित्य प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं।
उधर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मप्र के 8 साल के बच्चे का जिक्र करके आयोग को नसीहत दी है। जेजेए में किए गए संशोधनों का हवाला देकर भी उन्होंने सवाल दागे हैं।