हेलिकॉप्टर सौदे को लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने के लिए भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना ने अपनी सहयोगी पार्टी को जनता पार्टी सरकार द्वारा की गई गलतियों को याद दिलाया। इसमें तत्कालीन जनता पार्टी सरकार ने इंदिरा गांधी के खिलाफ अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। इसके चलते अंतत: गांधी को सत्ता में वापस लौटने में मदद मिली थी।
शिव सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सोमवार (9 मई) को लिखे संपादकीय में कहा, ‘हमें जनता पार्टी की सरकार के दौरान इंदिरा गांधी की याद आती है। यह जनता पार्टी ही थी जिसने अंतत: उन्हें वापस सत्ता में आने में मदद की थी। सरकार चलाने का जनादेश मिलने के बावजूद इसके नेता इंदिराजी के पीछे पड़े थे मानों उनका एकमात्र मकसद उन्हें परेशान करना था।’
संपादकीय में कहा गया है, ‘आज की स्थिति में क्या अंतर है। आज भाजपा को लोगों के मुद्दे हल करने के लिए चुना गया है। अगस्तावेस्टलैंड सौदे को लेकर उथल पुथल से बचा जा सकता था। जांच कराने के बजाय कुछ लोगों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है। यह हमें इंदिराजी की याद दिलाता है।’
इसमें कहा गया है, ‘यदि सोनिया गांधी और उनकी पार्टी वास्तव में एक घोटाले में लिप्त रहे हों तो उनके खिलाफ नरमी दिखाने की कोई जरूरत नहीं। लेकिन इस पार्टी को उबरने में मदद क्यों की जाए। हमें बिहार चुनाव से सीख लेनी चाहिए। प्रचार अभियान में भाजपा द्वारा दिग्गज लोगों को लगाए जाने के बावजूद नीतीश कुमार और लालू यादव चुनाव जीते और कांग्रेस का प्रदर्शन भी अपेक्षाकृत अच्छा रहा।’
अखबार कहता है कि तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस सौदे में अनियमितताओं की बात स्वीकारी थी और इसकी जांच का आदेश दिया था। शिवसेना जानना चाहती है कि सत्ता में आने के बाद भाजपा ने किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए क्या किया। जहां सरकार का मकसद सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जेल में डालने का प्रतीत होता है, वहीं बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कालाधन जैसी समस्याएं अनसुलझी हैं।