शिवसेना नेता नितिन नंदगांवकर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने मुंबई के बांद्रा वेस्ट स्थित ‘कराची स्वीट्स’ का नाम बदलने का दबाव डाला। उन्होंने कहा कि कराची की जगह नाम में मराठी का इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने नाम बदलने के लिए अल्टीमेटम दे दिया। बाद में दुकान के बाहर बोर्ड पर अखबार चिपकाकर नाम को ढक दिया गया। नितिन ने कहा, ‘आपको शॉप का नाम बदलना ही होगा, हम आपको समय दे रहे हैं। आप कराची की जगह किसी मराठी नाम का प्रयोग करिए।’
नितिन नंदगांवकर राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस से शिवसेना में आए हैं। उनका विवादों से पुराना नाता रहा है। अस्पताल में जाकर एक डॉक्टर के साथ अभद्र व्यवहार करने के मामले में भी उनका नाम आया था। शिवसेना नेता ने यहां दुकानदार से कहा, ‘मुझे कराची शब्द से नफरत है क्योंकि यह पाकिस्तान में है।’ जब दुकानदार ने बताया कि दुकान का नाम इसलिए कराची पर है क्योंकि उनके पूर्वज कराची में रहते थे और बंटवारे के बाद भारत आए थे। नंदगांवकर ने कहा, ‘उनका यहां स्वागत है लेकिन दुकान का नाम बदलना होगा।आप अपने पूर्वजों के नाम पर या फिर मराठी में नाम रखिए।’
उन्होंने करा, ‘मैं कराची नाम से नफरत करता हूं क्योंकि यह आतंकियों की जगह है। यहां कराची के नाम से कोई कारोबार नहीं होना चाहिए। आप अपने नाम पर रख लीजिए, पिता के नाम पर रख लीजिए, दादा के नाम पर रख लीजिए लेकिन कराची के नाम पर क्यों? मैं आपको समय दे रहा हूं, नाम बदलना होगा।’ बता दें कि जनवरी 2009 में मुलुंद में कराची स्वीट्स को चेतावनी वाला पत्र भेजने के बाद मुंबी पुलिस ने 6 एमएनएस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। एमएनएस नेता शिशिर शिंदे ने कहा, ‘जब से पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में हमला किया, पार्टी के नेताओं को पाक से नफरत है।’
मुंबई: ‘कराची स्वीट्स’ के मालिक को शिवसेना नेता की नसीहत, दुकान का नाम बदलने के लिए बनाया दबाव, वीडियो वायरल#Karachi #ShivSena pic.twitter.com/4UVSE0Se6H
— News24 (@news24tvchannel) November 19, 2020
शिंदे ने कहा, ‘मिठाई के दुकान के ओनर हो सकता है कराची से आए रहे हों लेकिन अब वे इस देश के नागरिक हैं। उन्हे भारतीय नाम रखना चाहिए। सरहद पर जान देने वाले जवानों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है। आए दिन पाकिस्तान घुसपैठ और एलओसी पर सीजफायर तोड़ता है। इसमें जवानों की जाने जाती हैं। ऐसे देश के किसी शहर के नाम पर दुकान का नाम रखने का कोई मतलब नहीं है।’