मुंबई से 70 समुद्री मील की दूरी पर 15 मछुआरों को ले जा रही दो नावें डूब जाने के बाद तटरक्षक बलों ने सवार मछुआरों को खोजने के लिए तलाशी अभियान आज (सोमवार, 22 अगस्त) शुरू कर दिया। हालांकि बाद में अन्य मछुआरों ने इन सभी 15 मछुआरों को बचा लिया है। रक्षा प्रवक्ता ने सोमवार को बताया, ‘21 और 22 अगस्त की दरम्यानी रात को उमरगाम से 7 समुद्री मील दूर मछली पकड़ने वाली दो नावों हिमसागर और कृष्ण सागर के डूबने की खबर मिली। खबर में इस स्थान को उत्तरी मुंबई से 70 समुद्री मील बताया गया था।’ उन्होंने बताया, ‘सभी मौसमों में काम करने वाले सी किंग 42बी ने को तलाशी अभियान पर लगा दिया गया। भारतीय नौसेना के पोत गंगा और भारतीय तटरक्षक के पोत अग्रिम को भी उस इलाके की ओर भेज दिया गया।’
उन्होंने बताया कि इलाके में मछली पकड़ने गए अन्य मछुआरों ने उन सभी 15 मछुआरों को बचा लिया और सोमवार सुबह उन्हें समुद्र तट पर छोड़ दिया। इसके बाद दोनों पोतों को अपने अपने कामों पर वापस भेज दिया गया। पालघर जिले की तलासारी तालुका के तहसीलदार विशाल दौंड़कर के मुताबिक ये मछुआरे जाई और घोलवाड गांव से कल शाम दो नावों पर सवार होकर मछली पकड़ने के लिए निकले थे। उन्होंने बताया कि देर रात जिला अधिकारियों को उनके खतरे में होने संबंधी एक संदेश मिला। जिसके बाद जिला अधिकारियों ने तटरक्षक बलों और नौसेना से मदद के मांगी।
इसी बीच सभी 15 मछुआरे डूबती हुई नाव से समुद्र में कूद गए और सोमवार (22 अगस्त) सुबह करीब 4 बजे अम्बरगांव के वृंदावन तट पर तैरकर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि सुरक्षित स्थान तक पहुंचने के लिए उन्हें करीब आठ समुद्री मील तक तैरना पड़ा। उन्होंने बताया कि इसके बाद स्थानीय मछुआरों भी अपने समुदाय के इन सदस्यों को बचाने के लिए समुद्र में पहुंच गए।