नागपुर। पेशे के कारण डॉक्टर को धरती पर ‘भगवान’ की तरह माना जाता है। डॉक्टर से यह उम्मीद लगाई जाती है वह अपना फर्ज निभाते हुए लोगों की जिंदगी बचाएंगे। एमबीबीएस के एक फाइनल ईयर के स्टूडेंट ने भी कुछ ऐसा ही किया। स्टूडेंट ने ट्रेन के अंदर एक प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी कराने में मदद की। हैरान करने वाली बाद यह है कि स्टूडेंट ने व्हॉट्सऐप की मदद से यह काम किया। उसने पर सीनियर्स से मदद और मैसेजिंग ऐप पर मिली निर्देशों को फॉलो करके महिला का सफलतापूर्वक प्रसव कराया। यह सब कछ हुआ अहमदाबाद पुरी एक्सप्रेस में। एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाला विपिन खड़से ट्रेनिंग के फाइनल स्टेज में है। वह नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनिंग कर रहा है। शुक्रवार को ट्रेन में सफर के दौरान उसे महिला के प्रसव पीड़ा की जानकारी हुई, जिसके बाद उसने डिलीवरी करवाई। महिला ने एक लड़के को जन्म दिया।
विपिन खड़से ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, “ट्रेन नागपुर स्टेशन से करीब 30 किलोमीटर दूर थी, महिला के रिश्तेदारों ने चेन पुलिंग करके गाड़ी को रोका। जिसके बाद टिकट कलेक्टर और गार्ड ट्रेन में डॉक्टर को ढूंढने लगे। मैं पहले चुप रहा है कि ट्रेन में कोई अनुभवी डॉक्टर हो जब महिला की प्रसव में मदद कर सके। लेकिन जब कोई डॉक्टर नहीं मिला तो मैंने मदद की पेशकश की।” इसके बाद हम महिला के कम्पार्टमेंट में पहुंचे। इस दौरान लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो गए और महिला यात्रियों ने ट्रेन को एक अस्थायी डिलीवरी रूम में परिवर्तित किया। जब मैं डिलीवरी के लिए पहुंचा तो देखा महिला दर्द से चिल्ला रही थी और खून बह रहा था। डिलीवरी में सबसे बड़ी समस्या यह था कि बच्चा सिर की तरफ से बाहर आने की जगह कंधे से बाहर आ रहा था। विपिन ने बताया कि उन्होंने एक तस्वीर खींचकर सीनियर डॉक्टरों के एक ग्रुप पर डाली। जिसके बाद एक सीनियर महिला डॉक्टर ने प्रसव कराने में मेरी मदद की। रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन के बाद मां और बच्चा दोनों ठीक है।
इससे पहले पिछले महीने के अंत में दिल्ली के आनंद विहार से मुजफ्फरपुर जाने वाली सप्तक्रांति एक्सप्रेस ट्रेन में एक महिला रेल यात्री ने चलती ट्रेन में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। ट्रेन में सवार महिला यात्रियों ने प्रसव में मदद की और डिलीवरी करवाई। हालांकि एक बच्चे की जन्म के कुछ समय बाद मौत हो गई। जबकि दूसरा बच्चा स्वस्थ बताया गया था।