महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद के बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे रविवार को औरंगाबाद में एक मेगा रैली को संबोधित करने वाले हैं। दिलचस्प बात ये है कि राज ठाकरे ने औरंगबाद के उसी मराठवाड़ा सांस्कृतिक मंडल मैदान को मेगा रैली के लिए चुना है जहां तीन दशक पहले शिवसेना संस्थापक और उनके चाचा बाला साहब ठाकरे ने रैली की थी। इस रैली ने शिवसेना की मराठवाड़ा में पैर जमाने में काफी मदद की थी।
बाला साहब ठाकरे ने तब 1988 में हिंदुत्व कार्ड खेलने के लिए औरंगाबाद के इसी मैदान को चुना था। उन्होंने रैली के दौरान लोगों से खान (मुस्लिम) और बाण (शिवसेना का चिन्ह) में से एक चुनने को कहा था। उन्होंने जनता से खान (मुस्लिम) और बाण (शिवसेना का चिन्ह) चुनने का ऐलान किया था। 1980 के करीब, बाल ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना ने मुंबई, ठाणे में मजबूत पकड़ बना ली थी। वहीं, मराठवाड़ा क्षेत्र में पैर जमाने में औरंगाबाद रैली ने उनकी काफी मदद की थी।
आगामी औरंगाबाद नगर निगम चुनावों में, शिवसेना ने 60 में से 27 सीटें जीतीं। लेकिन सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद शिवसेना सत्ता में नहीं आ सकी क्योंकि कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने तब हाथ मिला लिया था। कांग्रेस ने डॉ. शांताराम काले को मेयर और मुस्लिम लीग के तकी हसन को डिप्टी मेयर बनाया था।
हालांकि, बाल ठाकरे ने औरंगाबाद नगरपालिका चुनाव में पार्टी की बड़ी जीत के बाद एक विजय रैली निकाली, जिसके दौरान उन्होंने औरंगाबाद को छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी के नाम पर ‘संभाजीनगर’ करने का आह्वान किया था। औरंगाबाद रैली ने शिवसेना की हिंदुत्व की राजनीति को मुंबई के बाहर ले जाने में काफी मदद की। अगले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी ने चार सीटें जीतीं। इनमें से दो मराठवाड़ा क्षेत्र के थी- औरंगाबाद और परभणी। अब 34 सालों के बाद राज ठाकरे भी इसी शहर और इसी मैदान में एक बड़ी रैली करने जा रहे हैं।
मनसे महासचिव शालिनी ठाकरे कहती हैं, “मनसे अपनी राजनीति और अपने एजेंडे पर काम कर रही है। हम किसी भी पार्टी या नेता की तरह काम नहीं कर रहे हैं। हाल के महीनों में पार्टी की आंतरिक बैठक में यह सामने आया कि मनसे को अपनी रैलियां मुंबई तक ही नहीं सीमित करनी चाहिए। मुंबई के बाहर रैलियां आयोजित करने से हम न केवल दूसरे शहरों और क्षेत्रों में अपने कार्यकर्ताओं तक पहुंचेंगे, बल्कि लोगों के बड़े वर्ग से भी जुड़ पाएंगे।”
राज ठाकरे अपने समर्थकों के साथ औरंगाबाद पहुंच चुके हैं जहां वह एक मेगा रैली को संबोधित करेंगे। राज ठाकरे करीब 150 गाड़ियों के काफिले के साथ औरंगाबाद पहुंचे हैं। स्थानीय प्रशासन ने 16 शर्तों के साथ इस रैली को इजाजत दी है। मनसे प्रमुख को रैली के दौरान या बाद में आपत्तिजनक नारे, धार्मिक, जातिवादी और क्षेत्रीय संदर्भों का इस्तेमाल करने से बचने के लिए कहा गया है। साथ ही रैली में 15,000 लोगों को शामिल होने की इजाजत दी गई है।