महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शिवसेना को एक और झटका देने की तैयारी कर रहे हैं। एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि शिवसेना के कई सांसद और नेता भी उनके साथ जुड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में जो कमाल हुआ है, वह सिर्फ काम करने के लिए हुआ है और हम आम आदमी के लिए काम करेंगे। जाहिर है एकनाथ शिंदे के बयान से पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को झटका जरूर लगा होगा।

राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना अपने सांसदों के दबाव में एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे सकती है। हालांकि अभी तक शिवसेना की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन संजय राउत ने अपने एक बयान से संकेत दे दिया है।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार सुबह मीडिया से कहा, “हमने अपनी बैठक में द्रौपदी मुर्मू (एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार) पर चर्चा की। द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का मतलब भाजपा का समर्थन करना नहीं है। शिवसेना की भूमिका एक-दो दिन में साफ हो जाएगी। विपक्ष जिंदा रहना चाहिए।हमारे पास विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के प्रति भी सद्भावना है। पहले हमने प्रतिभा पाटिल का समर्थन किया था, एनडीए उम्मीदवार का नहीं। हमने प्रणब मुखर्जी का भी समर्थन किया था। शिवसेना दबाव में फैसले नहीं लेती।”

बता दें कि कुछ दिन पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मातोश्री में शिवसेना सांसदों की बैठक हुई थी, जिसमे सभी सांसदों ने द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया था। शिवसेना के 18 लोकसभा सांसदों में 16 ने बैठक में हिस्सा लिया था। माना जा रहा है कि कई सांसद भी शिंदे का समर्थन कर सकते हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे ने 30 जून को शपथ ली थी। 21 जून को वह शिवसेना के आधे से अधिक विधायक लेकर सूरत चले गए थे और फिर वहां से गुवाहाटी रवाना हो गए थे। उसके बाद शिंदे गुट के विधायकों ने निर्दलीय विधायकों और बीजेपी के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई और उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई। एकनाथ शिंदे सरकार में देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।