महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री मुनगंटीवार ने कहा है कि राज्य में सरकारी कर्मचारी अब फोन पर ‘हैलो’ के बदले ‘वंदे मातरम’ बोलेंगे। लेकिन उनके इस फरमान को लेकर विवाद गहराने लगा है। मुस्लिम संगठन रजा एकेडमी की तरफ से मुनगंटीवार के फरमान पर आपत्ति जताई गई है।

रजा एकेडमी के अध्यक्ष सईद नूरी ने कहा कि हमारे लिए सिर्फ अल्लाह पूजनीय हैं। कोई दूसरा विकल्प दीजिए जो सभी को मान्य हो। उनका कहना है कि वो उलेमाओं के साथ चर्चा कर सरकार को पत्र लिखेंगे। मुनगंटीवार ने कहा कि इसे लेकर आधिकारिक सरकारी आदेश 18 अगस्त तक आ जाएगा।

सांस्कृतिक मंत्री का कहना है कि हैलो’ शब्द गुलामी के दिनों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर वो चाहते हैं कि लोग ‘हैलो’ शब्द को छोड़कर ‘वंदे मातरम’ बोलें। ‘वंदे मातरम’ सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि हर भारतीय की भावना है।

राकांपा नेता अजित पवार ने इस मसले पर कहा कि पिछली सरकार में बातचीत से पहले जय महाराष्ट्र बोला जाता था। कोई भी सरकार अपनी विचारधारा के मुताबिक नियम बनाती है। इस पर कोई आपत्ति नहीं है। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा कि ‘वंदे मातरम’ को लेकर कोई भी आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर यह फैसला अधिवेशन में लिया जाता तो और अच्छा होता।

गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे सरकार ने हाल ही में अपना विस्तार किया है। सुधीर मुनगंटीवार को वन, मत्स्य पालन और सांस्कृतिक मामलों का विभाग द‍िया गया है। सांस्कृतिक मंत्री बनने के तुरंत बाद ही मुनगंटीवार ने यह नया फरमान जारी कर दिया। मंत्री ने कहा कि मैं चाहता हूं कि राज्य के सभी सरकारी अधिकारी अगले साल 26 जनवरी तक फोन उठाने पर वंदे मातरम कहें।