मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपी अबू सलेम की पैरोल की याचिका बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। माफिया डॉन अबू सलेम शादी करने के लिए 45 दिन की पैरोल चाहता था। इससे पहले भी वह शादी के लिए पिछले साल टाडा कोर्ट और इसी साल तलोजा जेल प्राधिकरण से पैरोल के लिए आवेदन कर चुका है। लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से उसका आवेदन लगातार तीसरी बार खारिज किया गया है।
पैरोल की याचिका खारिज होने के बाद सलेम ने बॉम्बे हाईकोर्ट में तलोजा जेल प्राधिकरण के फैसले को चुनौती दी थी। कार्यवाहक चीफ जस्टिस विजया कापसे ताहिलरमानी और जस्टिम महेश सोनक की डिविजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। सलेम के वकील फरहाना शाह का तर्क था कि कोंकण के डिविजनल कमिश्नर और अपील प्राधिकारियों ने ‘बिना दिमाग लगाए’ परोल की याचिका खारिज कर दी थी। लेकिन कोर्ट ने सभी तर्कों को खारिज करते हुए सलेम को पैरौल देने से इंकार कर दिया था।
Bombay High Court rejects Abu Salem’s plea seeking parole of 45 days to get married. Salem is a convict in 1993 serial blasts. #Maharashtra pic.twitter.com/grwaXJAPvN
— ANI (@ANI) August 7, 2018
बता दें कि बीते 16 फरवरी को सलेम ने तलोजा जेल प्राधिकरण को पत्र लिखकर 45 दिन की पैरोल मांगी थी। सलेम मुंबई की रहने वाली सैय्यद बहार कौसर उर्फ हिना से स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी करना चाहता था। अपने प्रार्थना पत्र में सलेम ने लिखा था कि वह पिछले 12 साल, तीन महीने और चौदह दिनों से जेल में है। इस दौरान वह कभी किसी छुट्टी पर नहीं गया है। यह पत्र उसने कोंकण डिवीजन के डिवीजनल कमिश्नर को बीते 27 मार्च को भेजा था।
हिना का नाम तब सुर्खियों में आया था, जब 8 जनवरी 2014 में उस पर गैंगस्टर अबू सलेम के साथ मुम्बई से लेकर लखनऊ तक यात्रा करने का आरोप लगा था। जांच में पता चला था कि उसके मोबाइल की लोकेशन सलेम के साथ मैच कर रही थी। तब हिना ने कहा था कि उसका सिम कार्ड उसके दादा जी इस्तेमाल कर रहे हैं। बाद में सलेम ने ही ये खुलासा किया था कि मुंबई के एक काजी ने फोन पर उसका निकाह ट्रेन में ही पढ़वा दिया था। इस शादी के गवाह लखनऊ और मुंबई पुलिस के दो जवान थे। इसके अलावा अबु सलेम का भतीजा रशीद अंसारी भी निकाह का गवाह रहा था। इस शादी की खूब चर्चा हुई थी क्योंकि ये सुरक्षा में चूक का गंभीर मसला था।
बेहद रंगीन मिजाज सलेम ने पहली शादी मुंबई की रहने वाली सुमैरा जुमानी से की थी। बाद में उसका नाम बॉलीवुड अभिनेत्री मोनिका बेदी से जोड़ा गया था। जिसे उसके साथ ही साल 1993 में पुर्तगाल से भारत में प्रत्यर्पित किया गया था। अबु सलेम, पहले भी ये शिकायत कर चुका है कि प्रत्यर्पण की शर्तों के मुताबिक उसे 25 साल से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता है।
