दिप्ती सिंह

बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कर्पोरेशन द्वारा मंगलवार को बिना किसी सूचना के दहिसर इलाके में गैरकानूनी अतिक्रमणों को तोड़ने का काम किया गया। इस कार्रवाई में एक घर ऐसा भी था जिसे बीएमसी के कर्मचारियों ने गलती से तोड़ दिया, जिसके बाद एक विधवा और उसके तीन बच्चे बेघर हो गए हैं। दो दिनों बाद जब बीएमसी को अपनी गलती का पता चला तो उन्होंने पीड़िता से माफी मांगी और साथ ही यह भी कहा कि बीएमसी द्वारा उसके घर का फिर से निर्माण कराया जाएगा। दहिसर इलाके के आर उत्तरी वॉर्ड के बीएमसी अधिकारी उन घरों को तोड़ने के लिए गए थे जो कि सड़क के निर्माण कार्य के बीच में आ रहे थे। दो दिनों के बाद असिसटेंट म्यूनिसिपल कमीश्नर ने लिखित में पीड़िता ज्योती पेड्डी से माफी मांगी।

ज्योती पेड्डी को बीएमसी ने आश्वासन दिया है कि वे फिर से उसी जगह पर उनका घर बनवाकर देंगे। बीएमसी द्वारा ज्योती को भेजे गए पत्र में लिखा है “हम शर्मिंदा है कि मराठा कॉलोनी के दहीसर पूर्वी में सीटीएस 1106,1107 स्थित ज्योती पेड्डी का घर बीएमसी कर्मचारियों द्वारा गलती से गिरा दिया गया है। हम आपसे वादा करते हैं कि हम उस जगह पर आपको फिर से घर बनवाकर देंगे” बता दें कि इस घटना से केवल स्थानीय लोगों में ही आक्रोश नहीं है बल्कि स्थानीय नेताओं ने भी घटनास्थल का जाएजा लिया और बीएमसी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के धमकी दी।

शिव सेना की स्थानीय कोर्परेटर शीतल महात्रे ने कहा “ज्योती का घर उस समय तोड़ा गया है जब परिवार अपने एक परिजन के मरने के बाद 11 दिनों के रीति-रिवाजों को पूरा कर रहा था। ज्योती का घर एक प्राइवेट प्रॉपर्टी के कम्पाउंड के अंदर आता है जिसका सड़क निर्माण के प्रोजेक्ट से कोई लेना देना नहीं था। इतना ही नहीं अगर बीएमसी कार्रवाई करने पहुंच रहा था तो इसकी सूचना पहले क्यों नहीं दी गई। इस कार्य में जो भी अधिकारी दोषी हैं हम उनके खिलाफ केस दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि वे इस मुद्दे पर अपना स्पष्टीकरण दें।” वहीं इस मामले पर पीड़िता ज्योती ने कहा “मेरा परिवार पिछले साल दशकों से इस घर में रह रहा था। हमारा घर तोड़ दिया गया, हमारा सामान बाहर फेंक दिया और कुछ ही मिनटों में हमें घर से बेघर कर दिया।”