महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत की और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा। उसके बाद पार्टी पर भी खतरा मंडरा रहा है। वहीं अब शिवसेना के पार्षदों ने भी बगावत करते हुए शिंदे गुट को ज्वाइन कर लिया है। पहले ठाणे नगर निगम के 67 में से 66 पार्षदों ने शिंदे गुट को ज्वाइन किया था। वहीं अब नवी मुंबई के 32 पार्षदों ने शिंदे गुट को ज्वाइन कर लिया है।

शुक्रवार को नवी मुंबई के 32 पार्षदों ने ठाणे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। पार्षदों ने कहा, “हम उनके (एकनाथ शिंदे) साथ रहेंगे। उन्होंने कभी किसी के फोन कॉल को अस्वीकार नहीं किया। यहां तक ​​​​कि अगर एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता उन्हें फोन करता है, तो वह कॉल रिसीव करते हैं। यह अच्छा लगता है।”

पार्षदों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर लिखा, “ठाणे, कल्याण-डोंबिवली और नवीमुंबई के अधिकांश दादी-नानी, पूर्व पार्षदों के साथ-साथ शिवसेना, युवसेना, महिला अघाड़ी के पदाधिकारी और शिवसैनिक मुझसे मिले और हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे और धर्मवीर आनंद दिघे साहब के हिंदू समर्थक विचारों का समर्थन किया।” शिंदे ने ट्वीट में रियल शिवसेना हैशटैग का भी इस्तेमाल किया है।

वहीं ठाणे के 67 में से 66 पार्षदों ने गुरुवार को ही शिंदे गुट को अपना समर्थन दे दिया था। बता दें कि एकनाथ शिंदे ठाणे से ही आते हैं और ठाणे से जुड़े हुए राजनीतिक फैसले वही लेते थे। शिंदे गुट का दावा है कि अन्य पार्षद भी जल्द ही एकनाथ शिंदे को समर्थन देंगे। बीएमसी के चुनाव भी होने वाले हैं।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे शिवसेना से लोकसभा सांसद हैं और वह भी अपने पिता के समर्थन में हैं। वहीं खबर है कि जल्द ही वह अन्य शिवसेना सांसदों के साथ आधिकारिक तौर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन कर सकते हैं। शिवसेना के करीब 12 सांसद एकनाथ शिंदे के समर्थन में बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।