मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर को आत्महत्या करने पर मजबूर करने वाले आरोपी तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें 31 मई (शुक्रवार) तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें बीवाईएल नायर अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ पायल तड़वी ने 22 मई (बुधवार) को अपने सीनियर अधिकारियों द्वारा जातिगत टिप्पणी किए जाने पर फांसी लगा ली थी।

एक आरोपी डॉक्टर को पुलिस ने किया गिरफ्तारः आरोपी डॉक्टरों में से एक भक्ति मेहरे को पूछताछ के बाद मंगलवार (28 मई) को गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि अन्य आरोपी हेमा आहूजा और अंकिता खंडेलवाल को बुधवार (29 मई) सुबह पुणे और मुंबई से गिरफ्तार किया गया।
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सख्त कार्रवाई की मांग कीः डॉ तड़वी के पति सलमान और मां आबिदा सलीम ने तीन डॉक्टरों के खिलाफ ‘सख्त कार्रवाई’ की मांग की है। डॉ सलमान तड़वी ने आरोप लगाया कि तीनों डॉक्टरों ने उनकी पत्नी की रैगिंग की और वाट्स एप पर अपमानित किया, क्योंकि वह अनुसूचित जनजाति की थी।
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डॉक्टरों ने किया आरोपों को खारिजः आरोपी डॉक्टरों ने पायल की मां अबेदा तड़वी के आरोपों से इनकार किया है, जिन्होंने दावा किया था कि उनकी बेटी को पिछले तीन महीनों से प्रताड़ित किया जा रहा था। सलमान तडवी ने एनडीटीवी को बताया,’ पायल को नीची जाति का होने के कारण निशाना बनाया गया था और उसके सीनियरों द्वारा उसे तंग किया जा रहा था। सीनियर उसे कहते थे कि वे उसे यहां पढ़ने नहीं देंगे।

सरकार के हस्तक्षेप की मांग कीः न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में तड़वी ने कहा,’हम चाहते हैं कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यह संभव है कि पायल की हत्या तीन महिला डॉक्टरों ने की हो।’ पायल की मां के मुताबिक आरोपी डॉक्टर उन्हें छोटी-छोटी बातों पर परेशान करते थे। यही नहीं मरीजों के सामने उसकी फाइलें फेंक देते थे।

आरोपी डॉक्टरों ने लिखा लेटरः तीनों आरोपी डॉक्टरों ने महाराष्ट्र असोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ( एमएआरडी) को लेटर लिखा है। लेटर में लिखा गया है कि हमारा पक्ष सुने बिना पुलिस बल और मीडिया के दबाव में जांच करने का तरीका नहीं है। साथ ही उन्होंने न्याय और निष्पक्ष जांच की मांग की।

पुलिस ने दिया पूर्ण सहयोग का आश्वासनः मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने तीन डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। एसोसिएशन के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि उनके पास तीन डॉक्टरों के खिलाफ सबूत हैं और पुलिस ने भी पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है।

अस्पताल के बाहर किया गया प्रदर्शनः डॉ तड़वी के माता-पिता ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में वंचित बहुजन अगाड़ी सहित दलित और आदिवासी संगठनों के सदस्यों ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग ने अस्पताल के निदेशक को पत्र लिखा है और मामले में जांच का अनुरोध किया है। राज्य महिला आयोग ने भी आठ दिनों के भीतर अधिकारियों से जवाब देने की मांग करते हुए अस्पताल को नोटिस दिया है। वहीं तीनों डॉक्टरों पर अत्याचार अधिनियम, एंटी-रैगिंग अधिनियम और आईटी अधिनियम और आईपीसी की धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है।