महाराष्ट्र के नागपुर में शोधकर्ताओं को 3000 वर्ष पुराने कंकाल मिलने की खबर है। बताया जा रहा है कि कटोल रोड स्थित गोरेवाडा के जंगल मे खुदाई के दौरान महिला और पुरुष दोनों के कंकाल पाये गये हैं। इसके अलावा शोधकर्ताओं को कंकाल के पास से लोहे के शस्त्र, तांबे के बर्तन सहित दूसरी सामग्री भी मिली है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये अवशेष पाषाण युग के हैं और इनकी मदद से हम उस युग की दूसरी महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त कर सकते है।

बता दें कि नागपुर में गोरेवाडा के जंगल मे शोधकर्ताओं की एक टीम खुदाई कर रही थी इस दौरान उन्हें 3000 वर्ष पुराने पाषाण युग के महिला और पुरुष के कंकाल मिलें हैं। खुदाई कर रही शोधकर्ताओं की टीम के लिये ऐतहासिक दृष्टि से एक बडी सफलता मानी जा रही है। इन कंकालों के डीएनए जांच से दूसरी महत्वपूर्ण जानकारियों के मिलने की संभावना है। साथ ही शोध के जरिये उस समय की संस्कृति, रहन-सहन और खान-पान के बारे मे भी जानकारी जुटाई जा सकती है। इन अवशेषों के मिलने के बाद इतिहासकारों को अब पाषाण युग के रहस्यों से परदा उठाने मे मदद मिलेगी।

बता दें कि पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा हरियाणा के कुनाल गांव में भी हड़प्पा पूर्व सभ्यता व संस्कृति के अवशेषों की तलाश जारी है। विभाग की डिप्टी डायरेक्टर डा. बुनानी भट्टाचार्य ने संकेत दिया है कि खोदाई के तहत पहले चरण की तरह मटके व हड़प्पा पूर्व सभ्यता से जुड़े अवशेष मिले हैं। बताया जा रहा है टीम को खुदाई में कुछ ईंटें मिली थी जिनकी जांच के बाद पता चला कि ये ईंटें पाषाण काल की हैं जो कि आज से करीब 1700 साल पुरानी सभ्यता की है।

इसके अलावा हाल ही में बिहार विरासत विकास समिति और नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की ओर से राजगीर के टोटल स्टेशन में सर्वे के दौरान पंच पहाड़ियों पर डेढ़ लाख साल पुरानी सभ्यता के प्रमाण मिलने की बात कही गई थी। वहां पुरापाषाण काल में आदिमानव द्वारा प्रयुक्त किये जाने वाले औजार पाये गये थे।