आलोक देशपांडे
महाराष्ट्र के 16 विधायकों, जिनमें सीएम एकनाथ शिंदे के साथ तीन अन्य कैबिनेट मंत्री शामिल हैं, के भाग्य का फैसला आज सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ करेगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अलावा अन्य मंत्रियों में छत्रपति संभाजीनगर में सिल्लोड क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले कैबिनेट सदस्य कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार, धाराशिव के भूम-परंडा से विधायक जनस्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत, संभाजीनगर के भुमारे पैठण से विधायक बागवानी मंत्री संदीपन छत्रपति शामिल हैं।
अन्य विधायकों में सतारा के कोरेगांव से महेश शिंदे, मुंबई उपनगर के मगथाने से प्रकाश सुर्वे, ठाणे के अंबरनाथ से बालाजी किनिकर, सांगली के खानपुर से अनिल बाबर, बुलढाणा में महेकर (एससी) से संजय रायमुलकर, छत्रपति संभाजीनगर के वैजापुर से रमेश बोनारे, नांदेड़ उत्तर के नांदेड़ से बालाजी कल्याणकर, छत्रपति संभाजीनगर पश्चिम के छत्रपति संभाजीनगर से संजय शिरसाट, मुंबई शहर के बायकुला से यामिनी जाधव, जलगांव में चिमनराव पाटिल एरंडोल, रायगढ़ के महाड़ से भरत गोगावाले और जलगांव में चोपडा (एसटी) से लताबाई सोनवणे शामिल हैं।
ये उन कुल 40 विधायकों के पहले ग्रुप में थे, जिन्होंने महा विकास अघाड़ी सरकार को गिराने से पहले शिंदे के साथ गुजरात में सूरत और बाद में असम के गुवाहाटी जाने का फैसला किया था। आज के फैसले के बारे में पूछे जाने पर सत्तार ने कहा, ‘हमें शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न मिला है, इसलिए फैसला भी हमारे पक्ष में होगा। फैसला चाहे जो भी हो, हम उसका स्वागत करेंगे।
शिंदे खेमे के एक अन्य विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि 16 विधायकों ने कुछ भी गलत नहीं किया है और वे फैसले से डरे हुए नहीं हैं। उन्होंने कहा, “असली खतरा उन सदस्यों को है जो उद्धव ठाकरे का समर्थन कर रहे हैं। क्योंकि अगर हम अयोग्य नहीं हैं, तो इसका मतलब है कि वे अयोग्य होंगे।”
इससे पहले शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जून 2022 में पार्टी से बगावत करने से पहले उनके घर आए थे। उन्होंने रोते हुए कहा था कि अगर बीजेपी में शामिल नहीं हुए तो केंद्रीय एजेंसी उन्हें गिरफ्तार कर लेंगी। ठाकरे ने कहा कि जब हमने महसूस किया कि चीजें इस स्तर पर पहुंच गई हैं, तो हमने इसे छोड़ दिया।